हिमाचल में हर रोज आठ एक्सीडेंट

रोजाना सड़क दुर्घटनाओं का शिकार बन रहे तीन लोग

पालमपुर – प्रदेश की सड़कों पर हादसों का सफर बदस्तूर जारी है। देवभूमि की सड़कों पर रोजाना औसतन आठ हादसे हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार इस वर्ष प्रदेश में जुलाई माह तक 1689 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 665 लोगों की जान चली गई और 2965 घायल हुए। जिला शिमला में 290, कांगड़ा में 279 और मंडी में 227 सड़क दुर्घटनाओं के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, जिला कुल्लू, सिरमौर, सोलन और ऊना में यह ग्राफ 100 के आंकड़े को पार कर गया है। गौर रहे कि पिछले एक दशक में सिर्फ 2012 और 2013 को छोड़ सालाना सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ तीन हजार के आंकड़े को पार कर रहा है। वहीं, इस साल के पहले सात माह में प्रदेश में 37 मर्डर और हत्या के प्रयास के 28 मामले सामने आ चुके हैं। मर्डर के सबसे ज्यादा सात मामले जिला कांगड़ा में और छह मामले जिला चंबा में दर्ज हुए हैं। प्रदेश में इस दौरान रेप के 199 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं महिलाओं से छेड़छाड़ के 274 मामले प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं। रेप के सबसे अधिक 41 मामले जिला शिमला में दर्ज हुए हैं तो जिला कांगड़ा में 25, सिरमौर में 23, सोलन में 22 और मंडी में रेप के 20 मामले सामने आए हैं। महिलाओं से छेड़छाड़ के सबसे अधिक 51 मामले जिला मंडी में दर्ज हुए हैं, वहीं कांगड़ा में यह आंकड़ा 49 और शिमला में 42 रहा है।

नशे पर नकेल

प्रदेश में नशे के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम इस वर्ष भी जारी है और जुलाई तक एनडीपीएस के तहत 740 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें 162 किलो चरस के साथ अन्य नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। एनडीपीएस के तहत सबसे ज्यादा 117 मामले जिला कांगड़ा में दर्ज हुए हैं, वहीं मंडी में यह आंकड़ा 106 रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान प्रदेश में एनडीपीएस की धाराओं के तहत सालाना एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। सात माह में एक्साइज एक्ट के तहत 1767, फोरेस्ट एक्ट के अंतर्गत 106 और आईटी एक्ट के तहत 32 मामले दर्ज किए गए हैं।