हिमाचल को पैसा नहीं, बिजली देगा पंजाब

बीबीएमबी में हिस्सेदारी पर प्रदेश को मिलेगी 13066 मिलियन यूनिट बिजली

शिमला – भाखड़ा बांध मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हिमाचल के बकाया हिस्से के रूप में पंजाब  प्रदेश को 13066 मिलियन यूनिट बिजली देगा। पंजाब पैसा देने से मुकर गया है, जिसके बदले में वह हिमाचल को बिजली देगा। क्योंकि पंजाब के पास अब वहां थर्मल पावर भी है, लिहाजा बिजली की कमी नहीं है, परंतु आर्थिक रूप से उसकी स्थिति ठीक नहीं है, जिस कारण वह सुप्रीम कोर्ट में पैसा देने से इनकार कर चुका है। सूत्रों के अनुसार आगामी 15 साल के अरसे में हिमाचल को यह बकाया हिस्सा बिजली के रूप में मिलेगा। पंजाब व हरियाणा में बीबीएमबी की जो बकाया हिस्सेदारी हिमाचल को मिलनी है, उसमें पंजाब 60 फीसदी, जबकि हरियाणा 40 फीसदी की हिस्सेदारी देगा। हरियाणा ने पैसा देने की बात मानी है, जिसमें बिजली का मूल्य अभी तय किया जाना है। बता दें कि वर्ष 1966 से हिमाचल को हिस्सेदारी मिलनी है। पंजाब पुनर्गठन में उसकी हिस्सेदारी 7.19 फीसदी की है और इसी आधार पर उसने हिस्सा देना है। वर्ष 1966 के बाद वर्ष 2011 तक का हिस्सा हिमाचल को मिलना है। 2011 के बाद से बीबीएमबी से हिमाचल को बिजली मिलनी शुरू हो चुकी है। तय हिस्सेदारी के आधार पर प्रदेश को रोजाना वहां से बिजली आ रही है। हिमाचल सरकार के खाते में आने वाली इस बिजली को बेचा जा रहा है। सरकार को इसी तरह दूसरी परियोजनाओं में भी हिस्सेदारी से बिजली मिलती है और उसकी कमाई का इस साल का वार्षिक लक्ष्य 1400 करोड़ रुपए का अनुमानित है।

अटॉर्नी जनरल करेंगे तीनों राज्यों से मीटिंग

अगले महीने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए अटॉर्नी जनरल तीनों राज्यों के साथ बैठक करेंगे, इस तारीख को तय करने के लिए राज्य सरकार ने आवेदन कर दिया है। उनके साथ तीनों राज्यों की बैठक में तय होगा कि हिमाचल को उसकी हिस्सेदारी किस-किस आधार पर मिलेगी और कितने समय में बकाया मिल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट को अटॉर्नी जनरल की रिपोर्ट जाएगी और उम्मीद की जा रही है कि इसी साल सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिमाचल के हक में आएगा, जिसे इन राज्यों को मानना पड़ेगा।