इसी महीने भर्ती होंगे 596 जेओए

सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को 30 तक नहीं मिला ज्वाइनिंग लैटर, तो पांच महीने तक करना होगा इंतजार

हमीरपुर -हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सबसे चर्चित और सबसे अधिक डिले होने वाले पोस्ट कोड 556 के जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग आर्डर सितंबर के आखिर तक मिल सकते हैं। आयोग की ओर से हालांकि इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यदि किसी कारणवश सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों को 30 सितंबर तक ज्वाइनिंग नहीं मिली, तो तीन साल बाद उनके नियमितीकरण में उन्हें तय समय सीमा से पांच महीने अधिक इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में सभी अभ्यर्थियों में यह संशय बना हुआ है कि ज्वाइनिंग इस महीने होगी भी या नहीं, क्योंकि वे पहले ही तीन साल इंतजार कर चुके हैं। नियमानुसार तीन साल पूरे करने वाले कर्मचारियों की रेगुलाइजेशन सितंबर या फिर मार्च में होती है। यदि इन अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग सितंबर में मिल जाती है, तो ये तीन साल बाद सितंबर में ही रेगुलर हो जाएंगे, लेकिन यदि अक्तूबर या इसके बाद ज्वाइनिंग मिली, तो फिर ये तीन साल बाद मार्च में रेगुलर होंगे। वर्ष 2016 में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 के तहत 1156 पदों के आवेदन आमंत्रित हुए थे। जब इसकी परीक्षा हुई तो परीक्षा पास न करने वाले उम्मीदवारों ने तत्कालीन प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि आयोग ने न्यूनतम योग्यता की आड़ में कम्प्यूटर शिक्षा में उच्च डिग्रियां व डिप्लोमा प्राप्त अभ्यर्थियों को बिना कारण अयोग्य घोषित कर दिया। इसके परिणामस्वरूप लिखित व टाइपिंग परीक्षा में उनसे कम अंक वालों का चयन कर लिया। ट्रिब्यूनल ने याचिका का निपटारा करते आदेश दिए थे कि पद भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही भरे जाएं। ट्रिब्यूनल के निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई। तब हाई कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए ट्रिब्यूनल द्वारा पारित निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी थी। बाद में 23 फरवरी, 2019 को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने पोस्ट कोर्ड 556 का रिजल्ट घोषित करते हुए 596 अभ्यर्थियों को योग्य पाया। बाद में हाई कोर्ट ने कहा कि भर्ती आरएंडपी नियमों के तहत ही होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार उच्चतम शैक्षणिक योग्यता रखने वालों को नियुक्ति नहीं दी जा सकती, साथ ही जिन्होंने डिप्लोमा प्राइवेट संस्थानों से किया है उन्हें भी नियक्ति नहीं दी जाएगी। ऐसे में 596 अभ्यर्थियों को ही योग्य घोषित किया गया है, लेकिन अब अब उनमें भी संशय बना हुआ है कि सितंबर में ज्वाइनिंग न मिली तो तीन साल बाद जब वे नियमित होंगे तो उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।