उदयपुर में खतरे में शिकारगाह का वजूद

चंबा जनमंच के अध्यक्ष बोले, ऐतिहासिक धरोहरों को सेहजने का नहीं हो रहा काम

चंबा –चंबा जनमंच के अध्यक्ष भुवनेश्वर शर्मा ने कहा है कि चंबा की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जिस कारण धरोहरें विलुप्त होती जा रही है। वह बुधवार को मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चंबा शहर के साथ उदयपुर में ऐतिहासिक शिकारगाह है, जोकि लगातार उपेक्षा का शिकार है। जिस कारण शिकारगाह का वजूद खत्म हो रहा है। मौजूदा समय में यहां द्गाथमिक पाठशाला उदयपुर की कक्षाओं को लगाया जा रहा है, लेकिन यहां आवाजाही के लिए रास्ता काफी कठिन हो गया है, क्योंकि यहां आसपास कुछ लोगों ने लगातार अवैध अतिमण किया है, जिससे गली बहुत तंग हो गई है। जिससे बच्चों को भी चोट लगने का भय लगा रहता है। उन्होने बताया कि इस बारे में स्कूल द्गबधन समिति के सदस्यों ने कई बार शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब यहां लगातार अतिमण फैल रहा है, जिससे इस धरोहर को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि चंबा भूंकप द्गभावित क्षेत्र है ऐसे में यहां अगर भूंकप या कोई आगजनी की घटना होती है तो रास्ता न होने के कारण बच्चों के साथ कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने मांग की है कि अगर समय रहते इस अतिमण को नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में चंबा जनमंच सड़क पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी।