खुशी बन जाता है जुनून के साथ काम

फुल कोर्ट रेफरेंस में चीफ जस्टिस रामासुब्रह्मण्यन के बोल

शिमला — प्रदेश हाई कोर्ट में फुल कोर्ट रेफरेंस के दौरान मौजूद मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन के साथ अन्य महानुभाव

शिमला – देवभूमि हिमाचल प्रदेश जहां पर प्रकृति आध्यात्मिक धुनों पर नृत्य और भजन है, उससे किसी भी इनसान को कोई भी मुश्किल कार्य करने के लिए ऊर्जा मिलती है। यह बात न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन ने फुल कोर्ट रेफरेंस के दौरान कही। हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश तैनात किए जाने के अवसर पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में फुल कोर्ट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर न्यायाधीश  वी रामासुब्रह्मण्यन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि स्वागत के तीन महीने के भीतर उन्हें विदाई मिल जाएगी। इस उच्च न्यायालय में अपने हर कार्यकाल का आनंद लिया, जो केवल उनके सहयोगियों, बार के सदस्यों और स्टाफ के सदस्यों की एक परिपूर्ण कार्य संस्कृति द्वारा संभव हुआ। उन्होंने कहा कि काम एक खुशी बन जाता है, अगर एक जुनून और लगन के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के रूप में इस उच्च न्यायालय में उनकी पोस्टिंग ने उन्हें प्रकृति में रहकर जीवन जीना सिखा दिया। उनके जीवन के एक विपरीत अस्तित्व से देवभूमि जहां प्रकृति आध्यात्मिक धुनों पर नृत्य और  भजन करती है उन्हें एक नई ऊर्जा मिली, जो उन्हें  जीवन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी और साथ ही योग्य भी बनाएगी। उन्होंने हाई कोर्ट के सभी  न्यायाधीशों, बार एसोसिएशन के सदस्यों, न्यायिक अधिकारियों, अधिकारियों और रजिस्ट्री के अधिकारियों को उनके स्नेह और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर प्रदेश महाधिवक्ता अशोक शर्मा, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राजेश शर्मा, बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा व बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव जीवन ने कहा कि न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन लोकप्रिय,  न्यायप्रिय और जूनियर वकीलों को प्रोत्साहित करने वाले हैं।  30 जून, 1958 को जन्मे न्यायाधीश वी रामासुब्रह्मण्यन ने चेन्नई स्थित विवेकानंद कालेज से बीएससी उत्तीर्ण की।