घाटी में वर्षों से बंद 50 हजार मंदिरों को खोलेगी सरकार

बंगलूर – जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने और सूबे के दो केंद्रशासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद अब केंद्र सरकार घाटी में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी में है। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि सरकार घाटी में बंद पड़े मंदिरों का सर्वे करा रही है। गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए एक कमेटी का गठन किया है और उन्हें दोबारा खोला जाएगा। पिछले कुछ सालों में करीब 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ नष्ट हो गए थे और मूर्तियां टूटी हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे का आदेश दिया है। श्री रेड्डी ने बताया कि कश्मीर में बंद पड़े विद्यालयों को भी फिर से खोले जाने पर भी काम शुरू किया जाएगा। घाटी में बंद पड़े स्कूलों की सही जानकारी के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है। सर्वेक्षण के लिए समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के बाद स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कदम उठाए जाएंगे। श्री रेड्डी ने बताया कि दशकों तक घाटी में आतंकवाद की वजह से हजारों की संख्या में पंडितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। आतंकवादियों ने बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों की हत्याएं भी की थीं । इस दौरान वहां के कई प्रसिद्ध मंदिरों समेत हजारों मंदिरों के ढांचे और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है। आतंकवाद का सफाया करने के लिए अभियान भी जारी है। सरकार घाटी से नफरत की भावना को जड़ से खत्म करके ही शांत बैठेगी। गौरतलब है कि 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद वहां रहने वाले कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था। कश्मीरी पंडितों को मारने के अलावा आतंकवादियों ने मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। बंद पड़े मंदिरों में कई मशहूर हैं। शोपिया में भगवान विष्णु का मंदिर है, तो इसी तरह पहलगाम में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है, जो अभी बंद हैं।