छात्र बताएंगे पटाखों के हानिकारक प्रभाव

इस बार दिवाली में हिमाचल की आबोहवा पर नजर रखेगी प्रदेश की नई पौध

शिमला  – इस दिवाली को हिमाचल की आबोहवा में पटाखों और तीखी आवाजों का जहर न फैले, इसके लिए प्रदेश की नई पौध इस पर विशेष क ाम करने वाली है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बाबत सभी डीसी साहित शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें खासतौर पर पिं्रसीपल्स को स्कूली बच्चों को पटाखों से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण के बारे में जागरूक करने और बच्चों को अपने परिवार और पड़ोस में पटाखों से होने वाले हानिकारक प्रभाव के बारे में बताने के लिए कहा गया है। वहीं यदि बच्चे अपने परिवार और आस-पड़ोस को जागरूक करें, तो इसका काफी असर प्रदेश में दिवाली के दौरान वातावरण के सुधार के लिए किया जा सकता है। पीसीबी ने साफ किया है कि इस बार पूरी कोशिश की जाएगी कि वातावरण में दिवाली के दौरान प्रदूषण के  स्तर में कमी लाई जाए, जिसमें साइलेंस जोन में पटाखों को न चलाने पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दो बार ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेगा, जिसमें 21 को पहली मॉनिटरिंग और 27 अक्तूबर को दूसरी मॉनिटरिंग की जाएगी। एयर क्वालिटी में 20 अक्तूबर को पहली मॉनिटरिंग, दूसरी मॉनिटरिंग तीन नवंबर को तय की गई है, जिसके निर्देश पिं्रसीपल साइंटिफिक ऑफिसर परवाणू, धर्मशाला, सुंदरनगर, पावंटा साहिब और शिमला को पत्र लिख दिया गया है। इस पूरी स्टडी रिपोर्ट को सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड को भेजा जाने वाला है, जिसमें विशेषत यह चैक किया जाने वाला है कि राज्य में दिवाली के दौरान ऑक्साइड ऑफ सलफर एंड नाइट्रेजन, कार्बन मोनोऑक्साइड, लैड, आयरन जैसे कितने तत्त्व हवा में मिलते हैं, तो स्वास्थ्य क ी दृष्टि से बेहद घातक हैं।