नगर निगम शिमला को सौंपें टाउनहॉल

हाई कोर्ट के प्रदेश सरकार को आदेश

शिमला- राजधानी शिमला में वर्ष 1908 में स्कॉटिश वास्तुकार जेम्स रैनसोम द्वारा डिजाइन किए गए टाउनहॉल में सिर्फ नगर निगम शिमला के महापौर और उपमहापौर का कार्यालय स्थापित किया जाएगा। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह टाउनहॉल को जीर्णोद्धार के बाद नगर निगम को सौंपे। मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रमन्यन और न्यायाधीश अनूप चिटकारा कि खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि ‘टाउन हॉल’ में केवल महापौर और उपमहापौर का कार्यालय स्थापित किया जाएगा और बाकी जगह में निगम राज्य सरकार कि स्वीकृति से हाई एंड कैफे, रीडिंग सेंटर, और हैंडीक्राफ्ट बूटीक स्थापित किया जा सकता है। ज्ञात रहे कि अदालत को बताया गया कि टाउनहॉल को वर्ष 1908 में स्कॉटिश वास्तुकार जेम्स रैनसोम द्वारा पुस्तकालय के रूप में डिजाइन किया गया था। बाद में कई कार्यालयों को इस भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था। देश के विभाजन के बाद नगर निगम के कुछ कार्यालयों को उसमें रखा गया था। एशियन डिवेलपमेंट बैंक के छह करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत टाउनहॉलका जीर्णोद्धार किया गया। इसके बाद नगर निगम ने राज्य सरकार से इसे वापस किए जाने के बारे में गुहार लगाई। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि टाउनहॉलको नगर निगम को सौंपा जाए। लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ने और जीर्णोद्धार के कई साल बाद नगर निगम को मिले टाउनहॉल में नगर निगम आयुक्त और अन्य कर्मचारी नहीं बैठ सकते हैं। अब इन्हें किसी दूसरी जगह तबदील कर दिया जाएगा। अदालत ने कहा कि टाउनहॉल में पर्यटकों को लुभाने के नजरिए से सजाया जा सकता है और इसके लिए एंट्री फ़ीस का प्रावधान भी रखा जा सकता है। इससे नगर निगम शिमला की आमदनी भी होगी।