पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण है संसाधनों की कमी

पर्यावरण प्रदूषित होने का एक प्रमुख कारण संसाधनों की कमी है। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ भूमि, खनिज, कृषि-उत्पाद, ऊर्जा तथा आवास की प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम होती जा रही है…

गतांक से आगे …         

हिमालय के पर्यावरण को चुनौतियां :

पर्यावरण में प्रदूषण का सर्वाधिक कारण औद्योगिकीकरण है, क्योंकि अन्य सभी  कारण तथा परियोजनाएं औद्योगिकीकरण के कारण ही जन्म लेती हैं। सतत विकास की अवधारणा का आधार ही पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण है, परंतु जन- कल्याण के उद्देश्य से सामाजिक-आर्थिक प्रणाली को बनाए रखने के लिए  पर्यावरण कि सुरक्षा उतनी ही आवश्यक है जितना की आर्थिक विकास। पर्यावरण प्रदूषण के अनेक कारण हैं जिनमें से इस प्रकार हैं:

संसाधनों की कमी :

पर्यावरण प्रदूषित होने का एक प्रमुख कारण संसाधनों की कमी है। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ भूमि, खनिज, कृषि-उत्पाद, ऊर्जा तथा आवास की प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम होती जा रही है।

 बढ़ता औद्योगीकरण :

 बढ़ती औद्योगिक सभ्यता की एक सबसे बड़ी कमी यह रही हैे कि इससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ा है। वर्तमान समय में कारखानों की चिमनियों से निरंतर निकलता धुंआ, विभिन्न वाहनों तथा ताप बिजलीघर वायुमंडल में भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा में वृद्धि के साथ-साथ तालाबों , नदियों तथा समुद्रों में प्रदूषण की समस्या निर्मित हो गई है। इससे पेड़-पौधों के साथ-साथ संख्या में जीव जन्तु भी मुत्यु का शिकार होने लगे हैं।

वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि  :

 वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण का खतरा रासायनिक पदार्थों, जहरीले धुंए आदि से उतना अधिक नहीं है। जितना पृथ्वी के वायुमंडल के तापमान के बढ़ने से उत्पन्न हुआ है। वायुमंडल के तापमान में वृद्धि होने से धु्रवों पर बर्फ पिघलने और इस तरह समुद्री तटवर्ती क्षेत्रों के पानी मे डूब जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

वनों का कटाव :

औद्योगिक धुंए से वायुमंडल में फैलने वाली कार्बनडाइआक्साइड तथा अन्य जहरीली गैसों के प्रभाव को कम करने के लिए जहां अधिक वन लगाने की आवश्यकता है, वहीं वन क्षेत्रों में निरंतर कमी आ रही है।             -क्रमशः