याददाश्त बढ़ाएगा हिरेशियम मशरूम

 सोलन -खुंब अनुसंधान निदेशालय चंबाघाट (सोलन) ने मशरूम की नई प्रजाति को विकसित किया है। हिरेशियम नाम से विकसित की गई यह प्रजाति औषधीय गुणों से भरपूर है और इसका सेवन करने से नर्वस सिस्टम कंट्रोल करने में सहायता मिलेगी। वहीं, इससे याददाश्त बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। मशरूम की इस प्रजाति में बीटागम ग्लॉकन, साइकेन सहित हरेशीमॉन तत्त्व पाया जाता है, जो कि दिमाग की नसों के लिए फायदेमंद होता है। इससे इनसान की सोचने सहित याददाश्त की शक्ति को बढ़ाती है। इसके अलावा इस मशरूम में विटामीन-डी की भी भरपूर मात्रा होती है, जो कि हड्डियों को मजबूत बनाती है। निदेशालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है, जिसका सेवन अन्य मशरूम की तरह भोजन के लिए भी किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि खुंब अनुसंधान निदेशालय चंबाघाट की ओर से वर्ष भर नई प्रजातियों को विकसित करने के लिए कार्य किया जाता है। अभी तक कई नई प्रजातियां विकसित भी की जा चुकी हैं, जिनका उपयोग उत्पादकों द्वारा किया जा रहा है और इससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है। वहीं, खुंब अनुसंधान निदेशालय चंबाघाट की ओर से हिरेशियम मशरूम पर चार वर्षों से कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में वैज्ञानिकों को  अप्रत्याशित सफलता मिली है, जिसके तहत इस मशरूम का सफल उत्पादन भी किया गया है। यह मशरूम लकड़ी के बुरादे पर तैयार की जाती है, जिसमें लकड़ी के ब्लॉक बनाए जाते हैं। इसके बाद इसमें बीज डालने के बाद इसे 18 से 20 डिग्री के तापमान में रखा जाता है, जिसमें थोड़ी ग्रोथ आने के बाद इसे 23 से 25 डिग्री तामपान दिया जाता है। यह मशरूम 35 से 40 दिनों में पहला उत्पादन देना आरंभ कर देता है।  उधर, खुंब अनुसंधान निदेशालय चंबाघाट, सोलन के निदेशक डा. वीपी शर्मा ने बताया कि डीएमआर की ओर से एक नई प्रजाती हिरेशियम मशरूम को तैयार किया गया है। इस प्रजाति की मशरूम को तैयार करने में वैज्ञानिक पिछले चार वर्षों से कार्य कर रहे थे, जिसके बाद इसमें वैज्ञानिकों को सफलता मिली है। इस मशरूम में बहुत से औषधीय गुण है। इसकी तकनीक पूरी तरह से विकसित की जा चुकी है और यह उत्पादकों के लिए उपलब्ध है।