राजधानी शिमला में हिमाचल की बेहतरी के लिए जुटे दिग्गज

इंजीनियर्स के सवाल, और एक्सपर्ट देते गए जवाब

शिमला -पहले सत्र के दौरान यहां विशेषज्ञ की राय के बाद सवाल जवाब का दौर चला, जिसमें अभियंताओं ने खासी दिलचस्पी दिखाई। बेहतर निर्माण को लेकर यहां के इंजीनियर्ज का कौतुहल देखते ही बनता था। एक के बाद एक उन्होंने कई सवाल दागे, जिनका माकूल जवाब भी मिला।

सवाल — प्राइवेट सेक्टर में इंप्लीमेंटेशन कैसे हो?

एक्सपर्ट: निजी क्षेत्र में भवनों के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर पूछे सवाल पर शैलेष ने बताया कि इसमें थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी ही नहीं, निजी क्षेत्र में भी इस तरह  का मैकेनिज्म अपनाया जाए, तो लोग अपने भवनों का निर्माण नियमों के तहत करेंगे और गुणवत्ता भी आएगी। उनका कहना था कि निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग होनी चाहिए, जिसके बाद उन्हें  सर्टिफिकेट मिले। इसमें अभियंताओं का मख्य रोल है। ऐसे एक्सपर्ट अभियंताओं का पैनल तैयार होना चाहिए, जो सरकारी व निजी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दें, ताकि यहां भूकंपरोधी निर्माण हो सके। 

सवाल — प्रीवेंशन के लिए क्या कुछ होना चाहिए, कैसे किया जाए?

एक्सपर्ट: भवन निर्माण के लिए आरवीएससी कोड पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसे केंद्र सरकार ने विशेष तौर पर मंजूरी दी है। इसका अध्ययन करने के बाद ही निर्माण कार्यों का प्लान बनना चाहिए। सरकारी तंत्र में चैक करने की व्यवस्था है, लेकिन निजी क्षेत्र में भी इस तरह की निगरानी होनी चाहिए, जिसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। लोग जानें कि भूकंप से क्या होता है और इस प्राकृतिक  आपदा से नुकसान कैसे कम किया जा सकता है। 

सवाल — सरकारी तंत्र में रोकथाम कैसे हो सकती है?

एक्सपर्ट: सरकारी तंत्र को गंभीर होना जरूरी है। यदि ऐसी कोई बिल्डिंग बनती है, जो नियमों के पूरी तरह से विरुद्ध है, तो उसे गिराया जाना चाहिए, ताकि दूसरों को भी सबक मिले। सरकार को इस मामले में समझौता नहीं करना चाहिए।

सवाल — इस तरह के निर्माण को ध्यान में रखकर बिल्डिंग कॉस्ट बढ़ जाएगी?

एक्सपर्ट ः  प्रो.आर्य की एक अध्ययन रिपोर्ट आई है, जिसमें बिल्डिंग कॉस्ट को लेकर पूरी जानकारी दी गई है। इसे अभियंता जानें और लोगों को भी इसकी जानकारी दें। कॉस्ट को लेकर कई तरह के फार्मूले इसमें दिए गए हैं, जो सुरक्षा के साथ किफायती भी हैं। इस तरह के कई सवाल इस सत्र में अभियंताओं ने किए, जिन्हें उनका जवाब मिला। आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत भवन निर्माण के बारे में व्यापक जानकारी यहां दी गई।        

राजीव ने लोटपोट किए दर्शक

शिमला। इंजीनियर्स डे का दूसरा सत्र मशहूर हास्य कलाकार राजीव मल्होत्रा की हंसी के साथ शुरू हुआ। यहां विराजमान देश-प्रदेश के इंजीनियर्स पर कमेंट्स करते हुए राजीव मल्होत्रा ने खूब हंसाया। उनके हास्य व्यंग्य को सुन हमेशा से किसी न किसी काम के लिए टेंशन में रहने वाले इंजीनियर्स की थकान भी दूर हुई। यहां तक कि ‘दिव्य हिमाचल’ के एडिटर-इन-चीफ अनिल सोनी, मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू सहित सभी इंजीनियर्स भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। राजीव मल्होत्रा की इस प्रस्तुति से सभी लोटपोट हुए। गौरतलब है कि राजीव मल्होत्रा को दिल्ली आज तक से भी अवार्ड मिल चुका है। लाफ्टर चैलेंज टीवी शो में पूरा देश हंसने को मजबूर होता है।