रोहतांग टनल के भीतर ग्लेशियर-धार्मिक स्थल

थ्री-डी तकनीक से लैस होगी सुरंग; मुख्यमंत्री का खुलासा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर तक जनता को कर देंगे समर्पित

मनाली –चार हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली रोहतांग टनल को थ्री-डी तकनीक से तैयार किया जाएगा। टनल के भीतर के 8.9 किलोमीटर लंबे सफर को तय करने के लिए जहां सैलानियों को महज 15 से 20 मिनट लगेंगे, वहीं टनल के भीतर प्रवेश करते ही सैलानी यहां अपनाई जाने वाली थ्री-डी तकनीक से रू-ब-रू होंगे। इस बात का खुलासा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने मनाली दौरे के दौरान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह लक्ष्य रखा है कि इस साल दिसंबर माह तक रोहतांग टनल को तैयार कर लिया जाए। साथ ही यह योजना बनाई गई है कि देश-विदेश के मनाली घूमने आने वाले सैलानियों को रोहतांग टनल का सफर हमेशा यादगार साबित हो, इसके लिए पर्यटन विभाग व रोहतांग टनल का निर्माण कार्य देख रहे बीआरओ के अधिकारियों के साथ रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि रोहतांग टनल के भीतर थ्री-डी तकनीक अपनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि अभी इस तकनीक को अपनाने के लिए राज्य सरकार अधिकारियों के साथ रूपरेखा तैयार कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसका खुलासा किया है कि थ्री-डी तकनीक से लैस होने वाली रोहतांग टनल देश की पहली ऐसी टनल होगी।  टनल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और भीतर हो रहे पानी के रिसाव वाले स्थल पर जहां कंकरीट का पुल तैयार किया जा रहा है, वहीं सरकार की यह कोशिश है कि 25 दिसंबर तक उक्त टनल को देश को समर्पित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि टनल के निर्माण कार्य को लेकर यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रदेश सरकार से इसकी जानकारी हासिल कर रहे हैं। सरकार ने भी टनल को तैयार करने का लक्ष्य दिसंबर माह का रखा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि रोहतांग टनल के तैयार हो जाने के बाद मनाली के साथ-साथ लाहुल-स्पीति के पर्यटन व्यवासाय को भी रफ्तार मिलेगा। उन्होंने बताया कि रोहतांग टनल की सैर करने के लिए सैलानियों को साउथ पोर्टल पर विशेष बसें उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस दौरान सैलानी इन बसों में बैठकर रोहतांग टनल के नोर्थ पोर्टल तक पहुंचेंगे और 8.9 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के बीच थ्रीडी तकनीकी से दिखाए जाने वाले नजारों का भी लुत्फ उठा सकेंगे। प्रदेश के पर्यटन कारोबार से जोड़कर जहां रोहतांग टनल को देखा जा रहा है, वहीं थ्री-डी तकनीक से टनल के भीतर कार्य शुरू करने के लिए तैयारियां  शुरू कर दी गई है।

सुरंग के भीतर ऐसे नजारे

थ्री-डी तकनीक के तहत जैसे ही पर्यटन रोहतांग टनल के भीतर प्रवेश करेंगे, उन्हें टनल के अंदर लगाई गई स्क्रीन प्राकृतिक नजारों के साथ-साथ रोमांचित सफर की भी अनुभूति करवाएंगी। टनल के भीतर सफर कर रहे लोगों को थ्री-डी तकनीक के माध्यम से ऐसा लगेगा कि व बर्फ के ग्लेशियरों के बीच से गुजर रहे हैं, तो कभी उन्हें ऐसा महसूस होगा कि वह घने जंगलों के बीच से गुजर रहे हैं। यही नहीं, हिमाचल के धार्मिक स्थलों की सैर भी टनल के भीतर से गुजरते हुए लोग कर सकेंगे।

ये रहे मौजूद

विधायक होशियार सिंह और सुरेंद्र शौरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, निदेशक स्वास्थ्य एके गुप्ता, निदेशक पर्यटन युनूस, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जेपी कालटा, पीसीसीएफ अजय कुमार, उपायुक्त कुल्लू डा. ऋचा वर्मा, राज्य एवं बाहरी राज्यों के उद्यमी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।