विजिलेंस खंगालेगी फर्जी ई-चालान का सच

आबकारी एवं कराधान विभाग की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

ऊना – आबकारी एवं कराधान विभाग को फर्जी ई-चालान व जाली एफडीआर पर करीब पौने तीन करोड़ का चूना लगाने के मामले की जांच अब विजिलेंस करेगी। इस संबंध में विजिलेंस विभाग ऊना ने एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है, जिनकी धरपकड़ के लिए विजिलेंस टीम ने उनके घरों व संभावित क्षेत्रों में दबिश दी, लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चल पाया है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों शराब कारोबारियों को आबंटित ठेकों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए हैं। उक्त कारोबारियों के पांचों ठेकों को बंद करने के आदेश आबकारी एवं कराधान विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर ने दिए हैं। एएसपी विजिलेंस सागरचंद्र ने शराब कारोबारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की पुष्टि की है। बताते चलें कि एजी ऑफिस शिमला की टीम द्वारा विभाग के रूटीन ऑडिट जांच में इस कथित घपलेबाजी का खुलासा हुआ था। मामले में आबकारी एवं कराधान विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। विभाग की कार्यप्रणाली में कई खामियों को ऑडिट पैरा में चिन्हित किया गया है। प्रदेश के एक आला सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की निकट संबंधी महिला व एक सीए के नाम पर आबकारी विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में ऊना जिला में पांच शराब के ठेके आबंटित किए थे, जिन्हें इस वर्ष भी रिन्यू किया गया। अप्रैल, 2018 से लेकर जुलाई, 2019 तक दोनों लाइसेंसी ठेकेदारों ने शराब परमिट जारी करवाने के लिए आवश्यक एक्साइज ड्यूटी को भरने के लिए ऑनलाइन ई-चालान विभाग को प्रस्तुत किए, जो कि ऑडिट जांच में ट्रेजरी के आंकड़ों से मैच नहीं हुए। इससे पूरे घोटाले का पर्दाफाश हुआ। ऑडिट आब्जेक्शन लगने के बाद जब मामले की जांच की गई तो पिछले 16 माह के दौरान दोनों ठेकेदारों ने दो करोड़ 58 लाख 51 हजार 803 रुपए के जाली चालान प्रस्तुत कर विभाग को चूना लगा चुके थे।