अवैध निर्माण को तुरंत हटाएं

हाई कोर्ट ने शिमला नगर निगम प्रशासन को जारी किए आदेश

शिमला  – हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला शहर में हुए अवैध निर्माण पर तल्ख टिप्पणी करते हुए नगर निगम शिमला को उसे तुरंत प्रभाव से गिराने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि हाई कोर्ट के आदेशों के पश्चात भी शिमला शहर, मुख्यतः राम बाजार में अत्यधिक अवैध निर्माण हुआ है, जिसके चलते कोर्ट ने उसे तुरंत प्रभाव से गिराने के आदेश दिए हैं एवं इस बाबत अगली सुनवाई से पहले फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई सात नवंबर को होगी। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने दीपक गुप्ता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने कोर्ट को अवगत कराया कि शिमला शहर में तहबाजारियों द्वारा अनुचित विस्तार कर संपूर्ण लोअर बाजार, आईएसबीटी, लोकल बस स्टैंड एवं लिफ्ट के समीप का अधिकांश हिस्सा कब्जाया गया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि नगर निगम शिमला की शहर में तहबाजारी को रोकने व हटाने के बाबत कोर्ट के आदेशों के अनुपालना करने की इच्छा नहीं है। कोर्ट ने नगर निगम को चेताते हुए कहा है कि तहबाजारी को हटाने के लिए हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालना दो सप्ताह में सुनिश्चित करवाएं, नहीं तो मजबूरन कोर्ट को नगर निगम शिमला के खिलाफ कदम उठाने पड़ेंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र द्वारा शिमला शहर में नगर निगम द्वारा ली जा रही है अधिक पार्किंग फीस से भी कोर्ट को अवगत करवाया। कोर्ट ने नगर निगम शिमला को आदेश दिए कि अगली सुनवाई के दौरान पार्किंग फीस से जुड़े सभी समझौतों का रिकार्ड कोर्ट में पेश करें। मामले की सुनवाई सात नवंबर को होगी।