इन्वेस्टर्स मीट में ईको टूरिज्म पर समझौता

प्रदेश में 12 नई साइट्स के लिए मास्टर प्लान तैयार; अब एमओयू होगा साइन, कारोबार के लिए कंसल्टेंट्स से भी मांगे आवेदन

शिमला -देवभूमि हिमाचल में ईको टूरिज्म का विकास करने के लिए प्रदेश सरकार इन्वेस्टर्स मीट में निजी कंपनियों के साथ एमओयू करेगी। अगले महीने धर्मशाला में होने वाली इन्वेस्टर्स मीट के दौरान ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट्स का रास्ता साफ हो सकता है। हालांकि प्रदेश में 12 न्यू ईको टूरिज्म साइट्स विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में नई साइट्स विकसित करने के लिए निवेशक आएंगे। जानकारी के मुताबिक प्रदेश वन विभाग ने न्यू साइट्स पर कारोबार शुरू करने के लिए कंसल्टेंट के लिए आवेदन भी मांगे हैं। नौ कंसल्टेंट्स ने आवेदन किए, जिसमें से आठ ने प्रेजेंटेशन दे दी है। प्रदेश सरकार जल्द ही कंसल्टेंट फाइनल करेगी। उसके बाद ही निवेशकों को साइट्स चयनित कर दी जाएंगी। बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में ईको टूरिज्म की 12 साइट्स स्वीकृत हैं। शिमला के समरहित स्थित पोटरहिल, बिलासपुर के चलेला, चंबा के लोंगा, चंबा के ही रानीकोट, धर्मशाला के करेरी, हमीरपुर के सिद्धचलेड़, कुल्लू के कोलंग, मंडी के थानेश्वर, सिरमौर के भूरेश्वर महोदव, सिरमौर के ही हाब्बन, किन्नौर के निचार और सोलन के कसौली में एक ईको टूरिज्म साइट फाइनल हो चुकी है। जहां टूरिज्म की दृष्टि से कारोबार शुरू होगा। ईको टूरिज्म साइट्स विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर दिया है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के पांच स्थानों पर ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट्स पर कारोबार चल रहा है। शोघी कैंपिंग साइट शिमला, बड़ोग कैंपिंग साइट सोलन, चेवा स्वचयनित साइट सोलन, मोतीकूना स्व चयनित साइट सोलन तथा डलहौजी के आला में ईर्को टूरिज्म प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जबकि सोनू बंगला सोलन, कांगड़ा विश्राम गृह धर्मशाला, धुआं देवी विश्राम गृह मंडी, डलहौजी कैंपिंग साइट डलहौजी तथा मकलोडगंज कैंपिंग साइट धर्मशाला का यह प्रोजेक्ट अभी लंबित हैं। 

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इसी साल

ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार इसी साल अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी। इन प्रोजेक्ट्स में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए वन विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है।