एडीबी फंडिंग प्रोजेक्ट शिवा से सिरमौर बाहर

शिमला – एडीबी फंडिंग प्रोजेक्ट शिवा में सिरमौर जिला बाहर हो गया है। यह पायलट प्रोजेक्ट में शामिल था, जिसे एशियन डिवेलपमेंट बैंक ने बाहर कर दिया है। अब इसे बाद में मुख्य परियोजना में ही शामिल किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार हाल ही में शिमला से लौटी एडीबी की टीम ने सिरमौर जिला को इसलिए बाहर किया, क्योंकि यह पायलट प्रोजेक्ट में शामिल शेष जिलों से दूर था। इसमें बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी व कांगड़ा जिला को शामिल किया गया है। एडीबी की टीम इन चार साथ लगते जिलों में आती थी, तो उसे सिरमौर के लिए अलग से टीम बनानी पड़ती है, जिस कारण सिरमौर को फिलहाल इससे बाहर कर दिया गया है। एडीबी से पायलट प्रोजेक्ट के लिए 70 करोड़ रुपए की राशि मिलनी है, जिसके लिए यहां पर एडीबी की टीम ने अधिकांश काम कर दिया है। बताया जाता है कि अब पर्यावरणीय मंजूरी लेने, भूमि अधिग्रहण करने के अलावा इसकी टेंडर की प्रोसेस अगले चार-पांच महीने में कर दी जाएगी। फरवरी तक टेंडर की प्रक्रिया पूरा करने के लिए कह दिया गया है। एचपी शिवा प्रोजेक्ट यहां सब ट्रॉपिकल फलों को डिवेलप करने के लिए दिया गया है। इसमें पायलट आधार पर चार जिलों में देखा जाएगा कि वहां कितनी संभावनाएं हैं। यहां फलों के उत्पादन के साथ उनको इरीगेशन की व्यवस्था भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है। पहले सेब के लिए ही प्रोजेक्ट आते रहे हैं, लेकिन अब सब-ट्रॉपिकल फलों के लिए भी एडीबी मदद कर रहा है। इससे निचले हिमाचल के लोगों की आमदनी बढ़ेगी और दूसरी प्रजातियों के फलों को भी बढ़ावा मिल पाएगा। इन फलों के लिए विशेष रूप में पहले कोई प्रयास नहीं हो सके हैं, जो पहली बार किए जा रहे हैं।

….चार जिलों के लिए 29 योजनाएं

शिवा प्रोजेक्ट के तहत इस पायलट प्रोजेक्ट में चार जिलों में 29 स्कीमों को चिन्हित किया गया है। इन पर एडीबी की टीम ने पूरा मंथन किया है। करीब दो सप्ताह तक यहां कागजी कार्रवाई पूरी की गई है, जिसके बाद एडीबी की टीम की लौट गई है। जल्दी ही दूसरी टीम यहां आएगी, लेकिन इसमें सिरमौर जिला को बाहर करने से थोड़ा नुकसान जरूर हुआ है। भविष्य में मुख्य परियोजना में अधिकांश जिलों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाना है। पायलट आधार पर काम करने पर सफलता मिलती है, तो प्रदेश में सब-ट्रॉपिकल फलों का विस्तार होगा और किसानों की आर्थिकी मजबूत हो सकेगी।