कुर्सी पर बैठते ही सात करोड़ गंवा देंगे गांगुली

नई दिल्ली – टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली निर्विरोध बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष बनने को तैयार हैं। होंगे। प्रशासकों की नई टीम 23 अक्तूबर को अपने-अपने पद संभालेगी। अध्यक्ष बनने से गांगुली को कम से कम सात करोड़ का नुकसान हो सकता है। बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का होगा, क्योंकि उन्हें सितंबर 2020 के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा। 47 वर्षीय गांगुली फिलहाल कामेंट्री भी करते हैं और कमर्शियल विज्ञापनों से भी जुड़े हैं। इसी के चलते उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से काफी बड़ी रकम का नुकसान होगा। माना जा रहा है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के मौजूदा अध्यक्ष गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख का पद संभालने से कामेंट्री छोड़नी पड़ेगी। इतना ही नहीं, उन्हें मीडिया कांट्रैक्ट और कमर्शियल करार को भी एक तरफ रखना पड़ेगा। वह बीसीसीआई अध्यक्ष रहते हुए और उसके बाद भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं रहना होगा। वह कमर्शियल विज्ञापनों के अलावा आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स से भी जुड़े हैं। गांगुली के नामांकन के दौरान श्रीनिवासन, राजीव शुक्ला और निरंजन शाह मौजूद थे। ऐसा पहली बार देखने को मिला जब बोर्ड के पुराने प्रशासक किसी एक उम्मीदवार के लिए साथ आए। गांगुली ने नामांकन के बाद कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता फर्स्ट क्लास क्रिकेट को देखने की रहेगी। मैंने प्रशासकों की समिति (सीओए) से आग्रह किया था, लेकिन मेरी तब सुनी नहीं गई।

हितों के टकराव पर बोले ऐसे तो नहीं चलेगा काम

गांगुली ने कहा कि हितों का टकराव एक गंभीर मुद्दा है। ऐसी स्थिति में हम बीसीसीआई में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को कैसे शामिल कर पाएंगे, क्योंकि इन क्रिकेटरों के पास अन्य बेहतर विकल्प भी मौजूद हैं। यदि वे बीसीसीआई से जुड़ते हैं और अपनी आजीविका चलाने के लिए जो करना होता है, वह न कर पाएंगे।  ऐसे में उनके लिए इस व्यवस्था से जुड़े रहना काफी मुश्किल होगा।