खतरा बन रहे गले-सड़े फल, सब्जियां

प्रदेश में बायोडीग्रेडेबल वेस्ट कंट्रोल सिस्टम ‘फेल’, सही तरह नहीं हो रहा निष्पादन

शिमला  – सब्जी मंडियों की गली-सड़ी फल, सब्जियां और होटलों से बचा हुआ खाना प्रदेश में वातावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। इसका प्रदेश में सही तरह निष्पादन नहीं होने से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे लेकर पर्यटन, शिक्षा और कृषि विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें वातावरण प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की गई है। इसमें पर्यटन विभाग को लिखा गया है कि प्रदेश के कई होटल ऐसे हैं, जिसमें बासी भोजन और सड़ी सब्जियों को यूं ही फेंक दिया जाता है, जिससे जल और वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना एकाएक बढ़ गई है। यही नहीं, इसके बारे में पीसीबी ने कृषि विभाग को भी एक पत्र लिखा है जिसमें सब्जि मंडियों में सड़े फलों और सब्जियों से वातावरण के प्रदूषण की संभावना और बढ़ गई है। वहीं शिक्षा विभाग को भी इस बारे में लिख दिया गया है। तीनों विभागों को जारी किए गए पत्र में बायोडीगे्रडेबल वेस्ट के सही तरह निष्पादन के बारे में लिखा गया है। गौर हो कि संबंधित विभागों को बायोडीग्रेडेबल वेस्ट के निष्पादन के लिए कई नई तकनीकी सिस्टम के बारे में बताया जा रहा है, जिसमें उसक ा निपटारा करके उसकी खाद को बनाया जा सकता है। हालांकि कुछ एक होटलों में इस नई तकनीकों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है, लेकिन अधिकतर होटल्स इस तरह के सिस्टम का इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस एक्ट को लागू हुए लगभग तीन वर्ष होने वाले हैं, लेकिन एक्ट का क्रियान्वयन ही सही तरह से नहीं हो पा रहा है, जिसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्ज-2016 फॅर डिस्पोजल ऑफ बॉयोडीग्रेडेबल वेस्ट के तहत पर्यटन, शिक्षा और कृषि विभाग को वेस्ट क निष्पादन के लिए आगामी दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा गया है, जिस पर चैक रखने के लिए भी कहा गया है। देखा जाए, तो एक स्टडी तो यह भी आ रही है कि बायोडीग्रेडेबल वेस्ट के सही तरह निष्पादन नहीं करने से ओजा़ेन को भी खतरा खड़ा हो सकता है।