ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी मनाएगी राज्य सरकार

शिमला – जयराम सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी मनाई जाएगी। इस दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सरकार बताएगी कि उसके प्रयासों के बाद कितने उद्योग जमीन पर उतरने को तैयार हैं। अभी तक यहां पर निवेश लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है और अगले महीने सरकार महा आयोजन के रूप में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट करने जा रही है। इन्वेस्टर मीट की तैयारियों में पूरी सरकार लगी है। कोई कसर न छूट जाए, इसमें अफसरशाही पूरी तरह से डटी हुई है। पल-पल की सूचना मुख्य सचिव को दी जा रही है। उद्योग विभाग ने जितने भी पार्टनर इस इवेंट के लिए लगाए हैं, उनको काम सौंप दिया है और उन कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। तीस अक्तूबर को धर्मशाला में लायजन अफसरों का प्रशिक्षण होगा, वहीं तीन नवंबर को शिमला से अफसरशाही धर्मशाला के लिए रवाना हो जाएगी। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिनको अब अंजाम दिया जा रहा है। सरकार ने अभी तक 76 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर एमओयू किए जाने का दावा किया है। इतने एमओयू हो चुके हैं लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि इसमें से कितना निवेश प्रदेश में धरातल पर हो सकेगा। जमीन पर कितने उद्योग उतरेंगे इस पर चर्चा शुरू हो चुकी है। इसका जवाब दिसंबर महीने में मिलेगा। अभी इन्वेस्टर मीट में कितने निवेशक आएंगे और यहां पर कितने लोग निवेश के लिए तैयार होंगे, यह देखना होगा। माना जा रहा है कि टारगेट से भी अधिक के निवेश पर यहां एमओयू होंगे, लेकिन कितने लोग यहां वाकई में निवेश करेंगे यह सभी सोच रहे हैं। दिसंबर में सरकार को दो साल का समय हो जाएगा और अपनी दूसरी वर्षगांठ पर सरकार बताएगी कि यहां जमीन पर कितने उद्योग धंधे स्थापित होंगे। कितना निवेश यहां पर होगा क्योंकि तब तक सरकार के सामने तस्वीर साफ हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि सरकार की वर्षगांठ के मौके पर यह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करने की तैयारी है। उसी दिन सरकार पूरा खुलासा  करेगी और बताएगी कि कितना निवेश किस क्षेत्र में किया जा रहा है। कितने उद्योग यहां पर कहां-कहां लगेंगे और उसमें कितना रोजगार लोगों को मिल सकेगा।

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर होगा आयोजन

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर यहां पर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होगी। वहां अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार ने 60 हजार करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतारा था। हिमाचल में अभी तक 570 से ज्यादा एमओयू हो चुके हैं।