चीफ मैनेजर रिकवरी मंडी तलब

मकान की नीलामी रुकवाने के मामले में बैंक अधिकारियों पर भी लटकी तलवार

मंडी – मकान की नीलामी रुकवाने को 85 हजार की रिश्वत लेने वाले बैंक ऑफ इंडिया के रिकवरी एजेंट के बाद बैंक के अधिकारियों पर भी विजिलेंस की तलवार लटक गई है। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो अब रिश्वत कांड के इस मामले में बैंक के अधिकरयों से भी पूछताछ करने जा रहा है। विजिलेंस के मंडी थाने में दर्ज इस मामले में बैंक के गिरफ्तार रिकवरी एजेंट मिंद्रपाल को कोर्ट ने रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दूसरी तरफ विजिलेंस ने अब बैंक के चीफ मैनेजर रिकवरी चंडीगढ़ को मंडी तलब किया है। विजिलेंस ने इसके साथ ही बैंक से इस मामले से संबंधित रिकार्ड भी मांगा है। मामले में विजिलेंस कुछ रिकार्ड पहले भी ले चुका है। वहीं, अब तक इस जांच में विजिलेंस को बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी पता चला है। यही वजह है कि अब बैंक अधिकारियों को विजिलेंस ने पूछताछ के लिए तलब किया है। बता दें कि 2006 में मंडी शहर के रामनगर निवासी दिनेश कुमार ने बैंक ऑफ इंडिया की मंडी शाखा से कारोबार के लिए एक करोड़ का ऋण लिया था। इसके बदले उसने अपना मकान व अन्य संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखा था, लेकिन व्यवसाय में घाटा होेने के चलते दिनेश कुमार समय पर ऋण चुकता नहीं कर सका। इसके बाद बैंक ने उसके घर की नीलामी के आदेश दिए और पहली अक्तूबर को नीलामी भी रखी। इसी बीच बैंक के रिकवरी एजेंट मिंद्रपाल ने दिनेश कुमार से मकान की नीलामी रुकवाने व केस को वन टाइम सेटलमेंट में डालने के बदले में 1.20 लाख रुपए की मांग की। दिनेश कुमार ने उसके खाते में 65 हजार और दूसरी बार 20 हजार रुपए ट्रांसफर भी कर दिए। इसके बाद मिंद्रपाल ने 30 सितंबर को नीलामी की अधिसूचना भी रद्द कर दी। जब मिंद्रपाल ने बचे हुए पैसे की मांग की तो दिनेश कुमार ने पैसे देने में आनाकानी की और मिंद्रपाल से उसकी बहस हो गई। इसके बाद दिनेश कुमार ने सारा मामला विजिलेंस के ध्यान लाया। विजिलेंस मंडी थाने की टीम ने चार दिन पहले ही रिकवरी एजेंट मिंद्रपाल को चंडीगढ़ से धर दबोचा है। विजिलेंस के एएसपी कुलभूषण वर्मा ने बताया कि मामले की जांच जारी है।