जब डेढ़ साल की बेटी ने दी पापा को मुखाग्नि…।

जिन हाथों से डेढ़ साल की शिवू अपने पापा की अंगुली पकड़कर चलना सीख रही थी, उन्हीं छोटे-छोटे हाथों से उसने अपनी पिता को मुखाग्नि दी। डैहर में पहली बार बेटी द्वारा बेटे का फर्ज का अदा किया गया है। जिसे देख श्मशानघाट पर उपस्थित हर एक व्यक्ति की आंखें नम हो उठीं।