जरूरी टेस्ट फ्री नहीं कर पाई सरकार

रेजिडेंट डाक्टर्ज एसोसिएशन ने उठाया मामला; कहा, फ्री हों एक्सरे-अल्ट्रासाउंड

शिमला – प्रदेश में मरीजों के जरूरी टेस्ट फ्री किए जाने चाहिए। अभी तक ये टेस्ट सरकार फ्री ही नहीं करवा पाई है। आईजीएमसी रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन ने यह मामला उठाया है। आरडीए की मानें, तो प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मरीजों को इन जरूरी टेस्ट के फ्री नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने कुछ जरूरी टेस्ट के लिए टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया भी ढीली है, लेकिन अभी उसमें वह मुख्य टेस्ट हैं ही नहीं, जो सरकार को करने चाहिए। इसमें खासतौर पर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई मुख्य टेस्ट शामिल हैं। ब्लड के कई अहम टेस्ट हैं, जो किए जाने चाहिएं। प्रदेश के अस्पतालों में कई ऐसे मरीज भी आते हैं, जिनका कोई कार्ड भी नहीं होता है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह ऐसे मरीजों के आंकड़ों पर गौर करके रेडियोलोजी के जरूरी टेस्ट फ्री करने की योजना को पास करे। उधर, आरडीए ने 36 घंटे ड्यूटी करने की मांग भी प्रदेश सरकार के समक्ष उठाई है। अध्यक्ष का कहना है कि वेतन सबसे कम दिया जा रहा है, यह देश में सबसे कम स्टाइपंड है, जो डाक्टरों को दिया जा रहा है। आईजीएमसी रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन ने इस बाबत प्रदेश सरकार को पत्र में लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मेडिकल कालेज में डाक्टर्स पर काम का काफी दबाव है। कम से कम 36 घंटे डाक्टर अस्पताल में काम कर रहे हैं। लिहाजा यह कि डाक्टर्स को स्पाइपंड बेहद कम मिल रहा है। देखा जा रहा है कि आईजीएमसी में प्रदेश के दूरदराज से मरीज आते हैं। मरीजों की भीड़ काफी ज्यादा रहती है। आरडीए ने साफ किया है कि दिन-रात काम करने से डाक्टर को स्टाइपंड भी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर मिलना चाहिए।

36 घंटे ड्यूटी.. और पगार कम

आरडीए ने 36 घंटे ड्यूटी करने की मांग भी प्रदेश सरकार के समक्ष उठाई है। अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश के जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों को 36 घंटे ड्यूटी करवाई जा रही है और वेतन सबसे कम दिया जा रहा है।