जायका-टू के लिए मिलेंगे 1109 करोड़

शिमला – जापान से हिमाचल प्रदेश को जायका के दूसरे चरण के लिए 1109 करोड़ रुपए की राशि मिलनी है, जिसकी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए विभागीय मंत्री के नेतृत्व में एक टीम रविवार को रवाना होगी। 20 अक्तूबर तक यह टीम जापान में अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करने के साथ जायका के पहले चरण में किए गए कार्यों की जानकारी वहां देगी। हाल ही में जायका का मिशन भी यहां पर आया था, जिसने खुद इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की है। बताया  जाता है कि जायका के दूसरे चरण के प्रोजेक्ट में मिलने वाली राशि को यहां पर किसानों की कैश क्रॉप को बढ़ाने में लगाया जाएगा। वर्तमान में जायका-वन योजना के लिए हिमाचल को 321 करोड़ रुपए की राशि मिली थी, जिसके बाद अब 1109 करोड़ रुपए मिलेंगे। जायका-टू परियोजना यहां किसानों की आय को दोगुना करने के लिए है। इसके पहले चरण से यहां पर पांच जिलों में काम किया गया, लेकिन दूसरे चरण में पूरे प्रदेश में इससे काम होगा। सरकार किसानों को नगदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित करेगी। इसके माध्यम से किसानों को पारंपरिक फसलों के बजाय कैश क्रॉप उगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलें, इसके लिए मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी। सिंचाई के लिए पानी की सुविधा देने के लिए भी प्रोजेक्ट के तहत काम होगा। कृषि विभाग का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से राज्य में कृषि क्षेत्र की दशा व दिशा बदल सकती है। जायका-टू प्रोजेक्ट के तहत फसल विविधिकरण पर काम होगा। प्रोजेक्ट में होने वाली फंडिंग से किसानों की अधिकतर भूमि को सिंचाई योग्य बनाया जाएगा। ड्रिप इरिगेशन के साथ गांव में पानी के पुराने स्रोतों को सहेजने, पानी की हर बूंद को बचाकर किसानों के खेतों तक पहुंचाने का काम चल रहा है, जिसे आगे बढ़ाया जाएगा। जायका की पहले चरण की परियोजना में पांच जिलों बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और ऊना में काम किए गए हैं। वर्ष 2012 से यह प्रोजेक्ट चल रहा है। जायका चरण-एक से आए अच्छे रिजल्ट को देखते हुए दूसरे चरण का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो हिमाचल को मिल जाएगा।

20 तक दौरा

जो लोग दूसरे चरण की परियोजना की मंजूरी के लिए जापान के दौरे पर गए हैं, उनमें कृषि मंत्री डा. राम लाल मार्कंडेय, अतिरिक्त निदेशक राजेंद्र वर्मा, एसएमएस सुरेश कुमार, डा. विनोद, डा. राहुल कटोच शामिल हैं। ये लोग  20 अक्तूबर तक जापान में रहेंगे और पहले चरण में किए गए कार्यों की रिपोर्ट वहां देंगे।