टीएमसी के डाक्टर ही नहीं, पत्नी भी गायब

नियमों को ताक पर रखने से दोनों के खिलाफ प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई, प्रिंसीपल ने दी सरकार को खबर

कांगड़ा – डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा से कार्डियोलॉजी तथा रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के दो चिकित्सकों ने पिछले छह माह से अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है। दोनों ही पति-पत्नी मई माह में छुट्टी लेकर गए थे, लेकिन अभी तक वापस ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं। टीएमसी के सुपर स्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट में संचालित किए जा रहे कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में तैनात चिकित्सक की पत्नी टांडा अस्पताल के ही रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रही थी। इसी वर्ष मई माह में दोनों ही चिकित्सकों ने छुट्टी ली थी, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी दोनों ने वापस अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने भी अब उक्त दोनों चिकित्सकों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई आरंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार टांडा अस्पताल के सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक में चल रहे कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में पिछले वर्ष बतौर डीएम कार्डियोलॉजी ने अपनी तैनाती थी। कार्डियोलॉजिस्ट की पत्नी ने भी टीएमसी के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में ज्वाइन किया था। इस दौरान कुछ समय तक दोनों ही चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं अस्पताल में दीं। निचले हिमाचल के लोगों को उपचार की सुविधाएं प्रदान करने वाले टांडा अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती से इस ओपीडी को बेहतर ढंग से चलाने में भी सहयता मिल रही थी। इस वर्ष मई माह में दोनों ही चिकित्सकों द्वारा छुट्टियां ली गई थीं। निर्धारित अवकाश के बाद भी चिकित्सकों ने अस्पताल में अपनी तैनाती नहीं दी। चिकित्सकों द्वारा ज्वाइन न किए जाने के बाद टीएमसी प्रशासन ने भी मामले के संबंध में प्रदेश सरकार को अवगत करवा दिया। सूत्रों के अनुसार टीएमसी से छुट्टियों के बहाने गायब हुए चिकित्सक पति-पत्नी के खिलाफ सरकार ने भी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

निरंकुश रवैया बरतने पर होगी सख्त कार्रवाई

पहले ही चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के इस तरह की कार्यप्रणाली पर सख्त कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे भविष्य में चिकित्सकों के इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। उधर, टीएमसी के पिं्रसीपल डा. भानू अवस्थी ने बताया कि टांडा अस्पताल से छुट्टी के बहाने गायब हुए दोनों चिकित्सकों के पिछले छह माह से ज्वाइन न किए जाने के बारे में निदेशालय को अवगत करवा दिया गया है। मामले में अब निदेशालय द्वारा ही चिकित्सकों के खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।