डिपार्टमेंट अकाउंट ट्रांजेक्शन पर केंद्र की नजर

मत्स्य विभाग ने हिमाचल में प्रभावी ढंग से लागू किया पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम

बिलासपुर – अब विभागीय अकाउंट से होने वाले तमाम ट्रांजेक्शन पर केंद्र की पैनी नजर रहेगी। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने इस साल से पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू कर दिया है। स्कीमों के अलग-अलग अकाउंट बनेंगे। इसके तहत विभागीय अकाउंट से किसी भी स्कीम के लिए पैसा अब ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा। लाभार्थियों को भी पैसा डायरेक्ट वेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम के तहत सीधे उनके बैंक खातों में डाला जाएगा। हिमाचल में मत्स्य विभाग ने इस सिस्टम के तहत पूर्ण रूप से कार्य शुरू कर दिया है। मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि वित्त विभाग ने सेंटर फंडिंग स्कीमों के विभागीय अकाउंट की मैपिंग कर दी है। एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो कि पब्लिक फाइनांस मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कार्य करेगा। स्कीमों के लिए मिलने वाले बजट की पूरी मॉनिटरिंग की जाएगी। विभागीय योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए डीडीओज को स्कीम वार अलग-अलग अकाउंट खोलने की परमिशन दी गई है। एक स्कीम का एक ही अकाउंट होगा और केंद्र सरकार से किस स्कीम के लिए कितना बजट आया, किसे पैसा दिया गया, कहां खर्च किया और किस जगह किस स्तर पर खर्च हुआ है इत्यादि की तमाम जानकारी केंद्र को मिलती रहेगी। उ और केंद्र सरकार के अधिकारी ऑनलाइन किसी भी समय स्कीमों के तहत जारी होने वाले बजट की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने योजनाओं के पैसे को लेकर पूरी प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता बनाने के मददेनजर इस साल से यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू कर दी है।

पैसा अकाउंट म,ें ब्याज की कटौती

निदेशक के अनुसार यदि स्कीम का पैसा लैप्स हो जाता है, तो यह पैसा तो विभागीय अकाउंट में ही जमा रहेगा, लेकिन इस पर मिलने वाले ब्याज की वित्त विभाग की ओर से कटौती कर दी जाएगी।  इस पैसे की भी मॉनिटरिंग होती रहेगी जब तक उसका कहीं सदुपयोग नहीं हो जाता।