डिपुओं तक 20 दिन में पहुंचेगा राशन

पीडीएस सप्लाई समय पर पहुंचाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बनाई योजना

शिमला -खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम गड़बड़ाने लगा है। यही कारण है कि समय पर डिपुओं में राशन नहीं पहुंच पा रहा है। अब विभाग ने तय किया है कि वह अपने सिस्टम को दुरुस्त बनाएगा। राशन या दालों की सप्लाई लोगों तक पहुंचने में लगने वाले समय को कम किया जाएगा। गौर हो कि पिछले कुछ समय से इसमें दिक्कत आई है। इसके चलते अभी तक डिपुआें में दालों का कोटा नहीं पहुंचा है। दालें तो पिछले महीने भी लोगों को नहीं मिल पाईं, मगर दूसरी वस्तुओं के पहुंचने में भी देरी होने लगी है। इस पर अधिकारियों ने चर्चा की गई है और तय किया है कि जो राशन यहां एक महीने में पहुंचता है, उसे कम से कम 20 दिन में पहुंचाया जाए। इससे फिर अगले महीने के लिए भी समय पर राशन पहुंच सकेगा। बता दें कि अभी हो ऐसा रहा है कि महीने बाद डिपुओं में सप्लाई पहुंचती है और इस लेटलतीफी के कारण डिपुओं पर पहली तारीख को राशन नहीं होता। कई जगह तो राशन की पुरानी खेप से काम चलाया जाता है, मगर अधिकांश जगहों पर सामान नहीं होता और राशनकार्ड धारकों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है। विभागीय अधिकारियों ने इस पूरे सिस्टम पर चर्चा की है और तय किया है कि जहां से सामान चलता है, उसकी पूरी ट्रैकिंग की जाएगी। इससे पता रहेगा कि कौन सी खेप कहां तक पहुंची है और उसमें डिपुओं तक पहुंचाने में कितना समय लगेगा। फिलहाल अभी तक डिपुओं में दालों की सप्लाई पहुंच सकी है। बताया जाता है कि विभाग ने सप्लाई मंगवा रखी है, परंतु यहां तक पहुंचने में उसे समय लग रहा है। इस कारण से ये आगे वितरित नहीं हो पाई हैं। इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि जो दालें सरकार लोगों को देती है, उन्हीं दालों की उपलब्धता में दिक्कत आ रही है। वहीं बताया जा रहा है कि डिप़ुओं में मिलने ले वाली दालों को बदलने के बारे में भी सोचा जा रहा है। माह, मलका व दाल चना की जगह पर सरकार लोगों को दूसरी दालें भी दे सकती है, जिनके बारे में सोचा जा रहा है। आसानी से उपलब्ध होने वाली दालों को ही खरीदा जाए, ऐसा विचार है। फिलहाल विभाग ने दावा किया है कि जल्दी ही डिपुओं में दालों की सप्लाई पहुंच जाएगी।