तेजस को भारी पड़ी देरी, 1.62 लाख हर्जाना

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार ट्रेन के लेट होने पर हर्जाना देगी रेलवे

नई दिल्ली – अपनी लेटलतीफी के लिए बदनाम भारतीय रेलवे अपने इतिहास में पहली बार ट्रेन के विलंब होने पर यात्रियों को इसका हर्जाना देने जा रही है। बीते दस अक्तूबर को दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस तीन घंटे से अधिक विलंब से अपने गंतव्य पर पहुंची थी, जिसके कारण इसका परिचालन करने वाली रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी को 950 यात्रियों को लगभग 1.62 लाख रुपए का हर्जाना देना पड़ रहा है। कंपनी हर्जाने की रकम अपनी इंश्योरेंस कंपनी के जरिए भुगतान करेगी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस लखनऊ स्टेशन से अपने निर्धारित समय सुबह 6ः10 की जगह पूर्वाह्न 9ः55 बजे रवाना हुई थी और अपराह्न 12ः.25 बजे की जगह शाम 3ः.40 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची थी। यह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से निर्धारित शाम 3ः35 बजे की जगह शाम 5ः30 बजे रवाना हुई थी और निर्धारित समय रात 10ः05 बजे की जगह 11ः30 बजे रात को लखनऊ स्टेशन पहुंची थी। लखनऊ से दिल्ली जाने वाले 450 यात्रियों को प्रति यात्री 250 रुपए का हर्जाना मिलेगा, जबकि दिल्ली से लखनऊ की यात्रा करने वाले लगभग 500 यात्रियों को प्रति यात्री 100 रुपए का हर्जाना मिलेगा। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि यात्री हर्जाने की रकम इंश्योरेंस द्वारा उपलब्ध कराए गए एक लिंक के जरिए पा सकते हैं, जो तेजस एक्सप्रेस के हर टिकट के साथ उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 19 अक्तूबर को ट्रेन को जो विलंब हुआ था वह कानपुर में एक ट्रेन के पटरी पर उतर जाने के कारण हुआ था।

चोरी या डकैती पर एक लाख का कवर

आईआरसीटीसी की पालिसी के मुताबिक, अगर इस ट्रेन को एक घंटे से अधिक का विलंब होता है तो यात्री को 100 रुपए का हर्जाना मिलेगा, जबकि दो घंटे से अधिक की देरी होती है तो हर्जाने की रकम 250 रुपए होगी। अगर यात्रा के दौरान आपके सामान की चोरी या डकैती हो जाती है, तो ट्रैवल इंश्योरेंस में एक लाख रुपए का कवर भी मिलता है।

बेहद टाइट हैं ट्रेन का शेड्यूल

चूंकि, छह अक्तूबर से यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चल रही है, इसलिए इसका शेड्यूल बेहद टाइट है। 20 अक्तूबर को लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस 24 मिनट विलंब से पहुंची थी, जबकि दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस निर्धारित समय पर पहुंची थी।