नॉर्थ जोन में हिमाचल में सबसे कम क्राइम

2015, 2016 के मुकाबले प्रदेश में 2017 में हिंसक अपराधों के ग्राफ में आई कमी

पालमपुर – प्रदेश में 2015 और 2016 के मुकाबले 2017 में हिंसक अपराधों के मामलों में कमी दर्ज की गई, वहीं राष्ट्रीय अनुपात में हिमाचल की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। राष्ट्रीय स्तर पर 2017 के जारी आंकड़े बताते हैं कि देश भर में दर्ज किए गए क्राइम के 425928 मामलों में से प्रदेश में विभिन्न हिंसक अपराधों के 1566 मामले दर्ज किए गए थे। अपराधों के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश में 0.4 प्रतिशत मामले सामने आए और दर्ज किए गए मामलों के आधार पर उत्तर भारत के राज्यों में प्रदेश 2017 में सबसे कम हिंसक अपराधों वाला राज्य रहा। नॉर्थ जोन के अन्य राज्यों में राष्ट्रीय अनुपात के आधार पर जम्मू-कश्मीर में 0.9, पंजाब में 1.3 और हरियाणा में 3.1 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए, जबकि राष्ट्रीय सूची में अपराधों को लेकर दिल्ली का योगदान 3.1 प्रतिशत रहा। अपराधों की सूची में 2017 में उत्तर प्रदेश का नाम टॉप पर रहा, जहां वायलेंट क्राइम की कुल 64 हजार 450 वारदातें दर्ज की गईं, जो कि कुल राष्ट्रीय अनुपात का 15.1 फीसदी है। वहीं, 50700 दर्ज आपराधिक मामलों के साथ बिहार दूसरे और 48609 दर्ज मामलों के साथ बंगाल इस सूची में तीसरे स्थान पर रहा। 2016 में पश्चिम बंगाल दूसरे और बिहार तीसरे नंबर पर था। 2017 में जम्मू-कश्मीर में हिसंक वारदातों का आंकड़ा 3789, पंजाब में 5538, हरियाणा में 13040 रहा, तो दिल्ली में यह ग्राफ 13388 रहा। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिशत अपराधों की सूची में 2017 में हिमाचल 22वें स्थान रहा, जबकि 2016 में 23वें और 2015 में प्रदेश का 20वां स्थान था। 2017 के आंकड़ों में राहत की बात यह है कि 2016 के मुकाबले जहां देश में अपराधों की संख्या में कमी आई  है वहीं, हिमाचल सहित उत्तर भारत के अन्य प्रदेशों में भी अपराध दर में कमी दर्ज हुई।

यहां एक फीसदी से कम हिंसक अपराध

क्राइम की राष्ट्रीय सूची में 2017 में कुल हिंसक मामलों में एक फीसदी से कम वारदातों वाले प्रदेशों में हिमाचल प्रदेश के साथ अरुणाचल, जम्मू-कश्मीर, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड का नाम शामिल है, जबकि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र के साथ मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, ओडिशा, दिल्ली और राजस्थान टॉप टेन में शामिल हैं।