प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर काम करेंगे निवेशक

हिमाचल के इतिहास में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में पहली बार मेगा इवेंट   

धर्मशाला     – ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट में मात्र औद्योगिक क्षेत्र के लिए ही एमओयू साइन नहीं होंगे, यहां हिमाचल की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और और पर्यटन कारोबार पर भी बड़े स्तर पर काम शुरू होने की उम्मीद है। दुनिया भर के करीब 35 देशों से आने वाले निवेशक अलग-अलग फील्ड में निवेश करने के लिए संकल्प लेंगे। सरकारी दावे सही हुए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हिमाचल के इतिहास में पहली बार अपनी तरह का यह अलग, रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने वाला मेगा इवेंट होगा। पुलिस ग्राउंड धर्मशाला में आयोजित की जाने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में पर्यटन सहित स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कई एमओयू होने वाले हैं। दुनिया भर से आने वाले लोग पहाड़ी राज्य हिमाचल में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों और इससे होने वाले प्राकृतिक उपचार पर भी काम करने को तैयार हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के दौरान प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित भी एमओयू साइन होंगे। यहां दुनिया भर के करीब 35 देशों से 1000 से अधिक डेलीगेट्स आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह विशेष रूप से हिमाचल में रोजगार और स्वरोजगार के द्वार खोलने के लिए पहाड़ में पाए जाने वाली जड़ी बूटियों और यहां की आबोहवा के लिए निवेशकों को प्रेरित करेंगे। इसके चलते प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देते हुए कई एमओयू साइन होंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग विशेष रूप से तैयारियां कर रहा है। बताया जा रहा है कि पर्यटन को स्वस्थ से जोड़ते हुए देश दुनिया के अन्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की तरह धौलाधार की वादियों में भी आयूष व योग पद्धति को लागू करने और इसे बढ़ाने को लेकर मेगा प्लान तैयार किया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले निवेशकों को लुभाया जा सके।

हर दिशा में आगे बढ़ेगी प्रदेश सरकार

प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का कहना है कि हिमाचल सरकार विदेशी मेहमानों को धर्मशाला में हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने और देवभूमि की प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार की पद्धति पर काम करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। इन्वेस्टर मीट के दौरान पर्यटन और प्राकृतिक चिकित्सा भी अहम बिंदू रहने वाले हैं।