बजट खर्च नहीं किया तो देना पड़ेगा ब्याज

शिमला – हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के तहत आने वाले कालेजों को इक्वीटी इनीसिएटीव बजट खर्च करना अनिवार्य हो गया है। अगर यह बजट कालेज खर्च नहीं कर पाते है, तो ऐसे में कालेजों को यूजीसी को ब्याज के साथ बजट रिटर्न करना होगा। यूजीसी की ओर से जारी यह नई गाइडलाइन उन कालेजों पर भारी पड़ सकती है, जो सालों से केंद्र से आने वाले इक्वीटी इनीसिएटीव बजट को खर्च नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मान्यता प्राप्त कालेजों को हर साल 50-50 लाख का बजट दूसरे कार्यक्रमों के लिए जारी करती है। इस बजट के तहत कालेज प्रबंधन को छात्रों को पढ़ाने के अलावा कैंपस में कई तरह के सामाजिक कार्य व छात्रों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए जाते हैं। प्रदेश शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के अधिकतर कालेजों ने इक्वीटी इनीसिएटीव बजट को खर्च ही नहीं किया है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का अंदेशा है कि बजट को दुरुपयोग किया जा रहा था। वहीं कई कालेज तो छात्रों के लिए कोई भी सेमिनार तक  आयाजित नहीं कर रहे थे। ऐसे में अब यूजीसी की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है। शिक्षा विभाग ने का्रलेजों को आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं निर्देश दिए है कि विवि अनुदान आयोग की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों के तहत आने वाले बजट को समय पर खर्च कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि बजट देने के एक साल बाद यूजीसी कालेजों का रिकार्ड तलब करेगा। रिकोर्ड के दौरान देखा जाएगा कि यूजीसी के बजट को कालेज ने खर्च किया है या नहीं। अगर किसी कालेज में बजट खर्च न करने को लेकर शिकायत सामने आई, तो ऐसे में अगले साल से ही यह बजट कालेजों को आना बंद हो जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से पहली बार इस तरह की सख्ती कालेजों पर अपनाई गई है। सूत्रों की मानें, तो यूजीसी ने बाहरी राज्यों के कई कालेजों से समय पर बजट खर्च न करने पर ब्याज के साथ रिटर्न लिया है। स्टेट हायर ऐजुकेशन काउंसिल अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने बताया कि यूजीसी के निर्देशों के बाद इक्वीटी इनीसिएटीव बजट खर्च करना कालेजों को अनिवार्य है। अगर कालेज बजट समय पर खर्च नहीं कर पाते हैं, तो उनकी ग्रांट बंद होने के साथ उन्हें ब्याज सहित बजट यूजीसी को वापस करना होगा।

कालेजों पर बिठाई जाएगी जांच

काफी सालों से यूजीसी की ओर से इक्वीटी इनीसिएटीव का आने वाला बजट कालेज खर्च नहीं कर पा रहे थे। हालांकि शिक्षा विभाग ने कई कॉलेजों को इस बाबत आदेश भी जारी किए थे कि बजट को जल्द यूटीलाइज किया जाएं। बावूजद इसके जिन कालेजों ने बजट खर्च नहीं किया है, उन पर जांच करने की तैयारी शिक्षा विभाग ने कर दी है।