राज्य चिकित्सा परिषद का गठन

भारत सरकार ने जारी की अधिसूचना; परिषद रखेगी चिकित्सा शिक्षा पर कड़ी नजर, दो नाम फाइनल

शिमला  – हिमाचल में राज्य चिकित्सा परिषद का गठन कर दिया गया है। भारत सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। चिकित्सा शिक्षा पर कड़ी नजर रखने के लिए परिषद का गठन किया गया है, जिसमें प्रदेश से मेडिकल विवि के वीसी डा. सुरेंद्र कश्यप और आईजीएमसी के अप्थोमोलोजी विभाग से डाक्टर विनोद कश्यप का नामित सदस्यों के तौर पर चयन किया गया है। पहली बार परिषद का गठन होने के बाद प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा पर कड़ी नजर रखी जाने वाली है, जिसमें डाक्टर का पंजीकरण भी राज्य चिकित्सा परिषद में किया जाएगा, जिसमें डाक्टर्स के प्रमाण पत्र भी समय दर समय चैक किए जाएंगे। मेडिकल कालेजों की कमियों को भारत और राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा और राज्य चिकित्सा परिषद के माध्यम से प्रदेश में मेडिकल चिकित्सा का विकास करके कमियों को दूर किया जाएगा। गौर हो कि पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में हर राज्य से काउंसिल के सदस्य इलेक्ट हो कर आते थे, लेकिन अब राज्य चिकित्सा आयोग के तहत राज्य में ही चिकित्सा परिषद का गठन कर लिया गया है। फिलहाल प्रदेश में परिषद के निर्माण से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई योजनाएं चलाने पर भी काम किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव सौंपना हो, तो चिकित्सा शिक्षा परिषद काम करेगा। यह मेडिकल कालेजों का औचक निरीक्षण भी करेगा और इसकी रिपोर्ट को स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 की तीस की धारा 11 की उपधारा 1 द्वारा प्रदान की गई शक्तियों के प्रत्यायोजन में भारत सरकार के राज्य चिकित्सा परामर्शी  परिषद का गठन करती है। फिलहाल राज्य स्तर पर इसके गठन से प्रदेश के मेडिकल कालेज के  लिए अच्छे संकेत जरूर मिले हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि प्रदेश में नए मेडिकल कालेज अभी धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं, जिसमें खासतौर पर स्टाफ की भर्ती की जा रही है।

मजबूत होगी मेडिकल एजुकेशन

परिषद के अहम सदस्य के तौर पर प्रदेश मेडिकल विवि के वीसी डा. सुरेंद्र कश्यप का कहना है कि परिषद के गठन से चिकित्सा शिक्षा को मजबूती देने पर काम किया जाएगा। इस ओर आगामी दिशा-निर्देश के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। फिलहाल चिकित्सा क्षेत्र में एक बेहतरी के लिए आयोग के तहत यह परिषद निःसंदेह कुछ नया करेगी।