राधा स्वामी सत्संग ब्यास का ही रहेगा अस्पताल

भोटा में हास्पिटल की संपत्ति का अधिकार बदलने की फाइल रिजेक्ट, सीलिंग एक्ट के फेर में फंसा मामला

शिमला – हमीरपुर जिला के भोटा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास के नाम से चल रहे अस्पताल को सोसायटी या किसी दूसरे ट्रस्ट के नाम पर नहीं किया जाएगा। जिस जमीन पर यह अस्पताल बना है, उस प्रॉपर्टी के अधिकार को बदलने के लिए सरकार को प्रस्ताव आया था, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग ने सीलिंग एक्ट के अधीन इसे गैरकानूनी मानते हुए फाइल को लौटा दिया है। हालांकि इस मामले में सरकारी स्तर पर खासा दवाब बनाया गया था, लेकिन कानून की धाराएं ऐसा करने से प्रभावित होती हैं। ऐसे में राजस्व विभाग ने सीलिंग एक्ट में दिए गए प्रावधानों का हवाला देते हुए फाइल को ही रिजेक्ट कर दिया है। बता दें कि सचिवालय के स्तर पर यह फाइल घूम रही थी और राजस्व विभाग को यह मामला भेजा गया था। आलाधिकारियों के जरिए इसमें सिफारिश भी की गई, परंतु राजस्व विभाग ने इसे नहीं माना। बताया जाता है कि जिस जमीन पर अस्पताल चल रहा है, वह राधा स्वामी सत्संग ब्यास के नाम पर है और सीलिंग एक्ट में प्रावधान है कि उसे बदला नहीं जा सकता। इसके मालिकाना हक को बदला जाता है तो उस जमीन की किस्म ही बदल जाएगी और सीलिंग एक्ट में आने के कारण ऐसा नहीं हो सकता। यदि ऐसा होता है, तो सरकार को चाय बागान की जमीन को भी फिर इजाजत देनी होगी, जो सरकार के लिए मुश्किल होगा। इसे ध्यान में रखते हुए और दूसरे मंदिर ट्रस्ट की जमीन को सामने रखते हुए मामले को वापस लौटाया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि इसमें विधानसभा से लागू एक्ट में ही संशोधन करना होगा और संशोधन के लिए सरकार कदम बढ़ाती है तो उसके सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी। विपक्ष जहां इसका विरोध करेगा, वहीं जो दूसरे लोग भी अपनी जमीन के मालिकाना हक को बदलवाना चाहते हैं, उनको भी यह अधिकार देना होगा।

चाय बागानों पर भी लागू होता है कानून

सीलिंग एक्ट यहां पर चाय बागानों पर भी लगता है और चाय बागानों को बेचने के लिए पहले से लगातार ऐसी मांग उठ रही है। वे लोग भी अधिकार मांग रहे हैं कि उनकी जमीन को बेचने दिया जाए, ताकि वे मुनाफा कमा सकें, मगर सरकार कानूनी प्रावधानों के तहत ऐसा नहीं कर सकती। इस वजह से राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रस्ताव को नामंजूर किया गया है। फिलवक्त भोटा में सत्संग ब्यास द्वारा बेहतरीन अस्पताल संचालित किया जा रहा है।