रिटायर्ड को रेबडि़यां बांटने की तैयारी

खाद्य सुरक्षा नियामक आयोग में चेयरमैन, मेंबर्स के पद पर होगी ताजपोशी

शिमला – टायर्ड और रिटायर्ड अफसरशाही को एडजस्ट करने के लिए खाद्य सुरक्षा नियामक आयोग में रेबडि़यां बांटने की तैयारी है। हिमाचल में गठित हो रहे इस आयोग में चेयरमैन और सदस्य के पद लपकने के लिए सेवानिवृत्त अफसरों में होड़ मच गई है। यानी आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल के खजाने को चपत लगना फिर तय है। हालांकि खाद्य सुरक्षा के लिए इस आयोग का गठन हितकारी साबित हो सकता है। बावजूद इसके प्रदेश की मौजूदा परिस्थितियां खर्चों में कटौती की मांग कर रही हैं। इसके विपरीत राज्य में सरकारी खर्चों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है। लिहाजा हिमाचल प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियामक आयोग का गठन भी कम चुनौती भरा नहीं है। हिमाचल प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियामक आयोग में चेयरमैन और सदस्यों के पदों के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। चेयरमैनशिप के लिए सरकार के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी मनीषा नंदा सहित 13 पूर्व अफसरों ने आवेदन किए हैं। आयोग में चेयरमैन और सदस्यों के दो पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार ने 30 सितंबर तक आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें चेयरमैन पद के लिए 13 ने आवेदन किए, जबकि सदस्यों के दो पदों के लिए 20 ने आवेदन किए हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्य सचिव विनीत चौधरी हिमाचल प्रदेश खाद्य सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। हालांकि आयोग के अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने पहले आवेदन किया था, लेकिन तीन दिन पहले ही उन्होंने अपना आवेदन वापस लिया है। वरिष्ठता और अनुभव के लिहाज से विनीत चौधरी आयोग के अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे थे। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग को इसकी सूचना दे दी है। आवेदन वापस लेने का निजी कारण बताया है।         

इन्होंने किए आवेदन

विनीत चौधरी के नाम वापस लेने के बाद अब पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सचिव मनीषा नंदा, पीसी धीमान, ञ्जकेआर भारती, सुनील चौधरी, महेंद्र पठानिया, इंजीनियर रणवीर पाल वर्मा, सुरेंद्र धोकरोक्टा, बीसी बडालिया, डा. अश्वनी शर्मा, हरनाम ठाकुर सहित कुल 13 आवेदन आए हैं। आयोग में दो सदस्य पद के लिए 20 आवेदन आए हैं। राज्य सरकार जल्द ही इस मामलें में सभी नामों की छंटनी कर नाम फाइनल करेगी। इस महीने के अंत तक सरकार चेयरमैन और सदस्य के पद पर नियुक्ति कर देगी।