वजीफे को लाखों छात्र नहीं कर पाए आवेदन

शिमला  – हिमाचल में डेढ़ लाख छात्रों के वजीफे पर खतरा मंडरा गया है। केंद्र सरकार के  एनसीपी पोर्टल पर समय पर आवेदन न करने से छात्रों का वजीफा रुक सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को बंद कर दिया है। हांलाकि सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक संघ ने छात्रों से जुड़े हित को लेकर आवाज उठाई है। अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिक्षा मंत्री एवं प्रधान सचिव शिक्षा से मांग की है कि नेशनल स्कॉलरशिप प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक के फॉर्म भरने की तिथि एनआईसी दिल्ली द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से 15 अक्तूबर रखी गई थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि सभी राज्यों द्वारा 9वीं से 12वीं तक के सभी प्रकार की छात्रवृत्तियों को दर्ज करने के लिए भारत सरकार के एनआईसी विभाग द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल तैयार किया गया है, उस पर सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां ऑनलाइन दर्ज की जा रही हैं, जिसकी अंतिम तिथि 15 अक्तूबर थी, जिसे अब बंद कर दिया गया है। इस वजह से हिमाचल के पात्र छात्र भी आवेदन करने से छूट गए हैं। एचजीटीयू के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने कहा केवल मात्र हिमाचल में ही डेढ़ लाख से अधिक बच्चे हर वर्ष इस छात्रवृत्ति का फायदा उठाते हैं, हिमाचल की बात की जाए, तो अभी तक 45000 बच्चों का ही नामांकन दर्ज हुआ है, बाकी 105000 बच्चे हिमाचल में भी अभी तक नामांकित नहीं हो पाए हैं। हिमाचल में कुल 18000 इंस्टिट्यूशंस हैं, जिसमें से अभी तक 8000 इंस्टिट्यूशंस /स्कूल ही पोर्टल पर लिस्टेड हो सके हैं। इस तरह से लगभग 10,000 इंस्टिट्यूशंस अभी भी नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर लिस्ट होने बाकी हैं, जो कि एक बहुत ही चिंता का विषय है। संघ के अध्यक्ष ने इस मामले में शिक्षा विभाग में संबंधित अधिकारियों से बात की और उसके बाद एनआईसी दिल्ली के कार्यालय में भी इस संदर्भ में अपनी आपत्ति दर्ज की है। साथ ही संघ ने हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव शिक्षा से मांग उठाई है कि हिमाचल के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए और उन्हें भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति के रूप में आर्थिक सहायता के मद्देनजर भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय एवं  एनआईसी विभाग से संवाद कर इस नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को कम से कम 30 नवंबर तक दोबारा से खोलने के लिए आग्रह किया है, ताकि सभी बच्चे लाभान्वित हो सकें।