विकास कार्यों में क्वालिटी पर नजर

गुणवत्ता नियंत्रण दस्ते ने पंचायतों में पांच लाख के ऊपर के काम पर मांगा ब्यौरा

शिमला – पंचायती राज विभाग पांच लाख रुपए से ऊपर के कार्यों और सभी बोर्ड व निगम एक करोड़ रुपए या इससे अधिक के कार्यों  को लेकर गुणवत्ता नियंत्रण दस्ते को रिपोर्ट देंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय का गुणवत्ता नियंत्रण दस्ता सक्रिय हो गया है। प्रधान सचिव संजय कुंडू की निगरानी में यह विंग काम कर रहा है, जिसने सरकारी कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित बनाने के लिए कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया है। इस स्क्वायड ने सीएम की मंजूरी के साथ राज्य के सभी बोर्डों व निगमों को यह आदेश जारी किए हैं कि उनके द्वारा करवाए जाने वाले एक करोड़ या इससे ऊपर के कार्यों का ब्यौरा वे स्क्वायड को देंगे। अभी तक इस तरह की व्यवस्था नहीं थी और बोर्ड व निगम अपने स्तर पर ऐसे काम करवाते रहे हैं। इनके निदेशक मंडल से मंजूरी मिलने के बाद करोड़ों रुपए के काम करवाए जाते हैं, जिनकी निगरानी सुनिश्चित नहीं थी।  इतना ही नहीं, पंचायती राज विभाग को भी इसके दायरे में लिया गया है। पंचायती राज विभाग पांच लाख रुपए से ऊपर जो भी काम करवाएगा, उसकी जानकारी उसे गुणवत्ता नियंत्रण दस्ते को देनी ही होगी। ऐसा नहीं होता है तो कार्रवाई हो सकती है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि सरकारी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनी रहे और किसी भी प्रकार का गोलमाल न हो। कई मामलों में कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठ चुके हैं वहीं भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। इसी के चलते सरकार ने गुणवत्ता नियंत्रण दस्ता बनाया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जिन्होंने प्रदेश में कई सड़कों के निर्माण पर सवाल उठाए हैं।  प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में ऐसी सड़कों पर जांच का काम भी चल रहा है।  इतना ही नहीं, यह दस्ता कहीं पर भी, कभी भी छापामारी कर सकता है। उधर, सीएम के प्रधान सचिव संजय कुंडू का कहना है कि विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को दूर किया जा सके, इसी मकसद से क्वालिटी कंट्रोल विंग बनाया गया है।