शहर के हर घर से उठेगा कूड़ा

प्रदेश सरकार का फैसला, शहरी निकायों में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन जरूरी

शिमला – प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी शहरी निकायों में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन को अनिवार्य कर दिया है। एनजीटी के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। ऐसे में सभी 54 शहरी निकायों को डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही सरकार ने शहरी निकायों में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन की फीस को भी बढ़ाने को कहा है। एनजीटी के आदेशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा प्रदेश के जिन शहरी निकायों में कूड़ा संयंत्र नहीं हैं, वहां पर प्लांट लगाने के लिए अधिकारियों को तीन महीने का समय जगह का चयन करने को दिया गया है, ताकि वहां पर प्लांट लगाया जा सके। नियमों को लागू करवाने के लिए सोमवार को राज्य सचिवालय में एक बैठक हुई। सचिव शहरी विकास सी पालरासू की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में सभी शहरी निकायों से आए अधिकारियों को इन नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया।

एनजीटी कमेटी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल को लागू करने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की रिपोर्ट सरकार एनजीटी द्वारा गठित कमेटी को सौंपी जाएगी। यह कमेटी फिर आगे इस रिपोर्ट को एनजीटी को सौपेंगी। इसी आधार पर एनजीटी कूड़े-कचरे के उचित प्रबंधन को लेकर अपना अगला निर्णय लेगी। कूड़े-कचरे को वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने के लिए शहरी निकायों में ट्रॉमल मशीनें लगाई जाएंगी। इस कूड़े से कंपोस्ट तैयार होगी और न गलने साड़ने वाले कूड़े को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए उन्हें सीमेंट कंपनियों को दिया जाएगा।