हिमाचल में बनी आठ उद्योगों की दवाएं घटिया

बीबीएन – केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के आठ दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में निर्मित 41 तरह की अन्य दवाएं भी सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं। जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर फेल हुई हैं,उनमें एलर्जी, बैक्टीरिया के संक्रमण, आई ड्राप्स, गैस्ट्रिक, बुखार, हृदय रोग, मलेरिया, डायरिया, थायराइड के उपचार की दवाओं सहित  दर्द निवारक दवाएं शामिल हैं। बतातें चलें कि सीडीएससीओ ने अगस्त व सितंबर माह में देश के अलग-अलग राज्यों से 2085 दवाओं के सैंपल जांच के लिए थे, जिनमें से 2036 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरी हैं, जबकि 49 दवाएं अधोमानक पाई गई हैं। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में हुआ है। इस लिस्ट में प्रदेश के आठ दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं भी शामिल हैं, जिनका निर्माण हिमाचल के पांवटा साहिब, कालाअंब, लोदीमाजरा, झाड़माजरी व बद्दी में हुआ है। जानकारी के मुताबिक राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने ड्रग अलर्ट में शामिल दवा उद्योगों को नोटिस जारी करते हुए सबंधित दवाओं का पूरा बैच बाजार से तत्काल उठाने के निर्देश जारी किए हैं। सनद रहे कि देश भर में परीक्षण के दौरान गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने वाले दवा उत्पादों के इस्तेमाल से आम जनता को रोकने के मकसद से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा हर महीने ड्रग अलर्ट जारी किया जाता है। इसी कड़ी में सीडीएससीओ द्वारा जारी अगस्त व सितंबर माह के ड्रग अलर्ट में देश के विभिन्न राज्यों के 49 दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल जांच में सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। अगस्त माह के अलर्ट में 28 दवा उद्योगों की दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं, जिनमें हिमाचल के पांवटा साहिब, बद्दी, लोदीमाजरा, नालागढ़, झाड़माजरी स्थित पांच दवा उद्योगों में निर्मित छह दवाएं व सिंतबर माह के ड्रग अलर्ट में झाड़माजरी, कालाअंब व बद्दी स्थित तीन दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरी है। इनके अलावा चीन, उतराखंड, दिल्ली, गुजरात, बंगलूर, मुंबई, उतर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, जम्मू, हरियाणा के उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होने का खुलासा हुआ है। दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ बद्दी, गाजियाबाद, कोलकाता, दिल्ली, गोवा, असम, मेघालय, चेन्नई में लिए थे, जिनकी सीडीएससीओ की लैब में जांच करवाई गई, जहां जांच के दौरान इन दवाओं के सबस्टैंडर्ड होने का खुलासा हुआ। उधर, इस सबंध में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष क पूर ने बताया कि संबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं।