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लोगों में भय का माहौल बनाना आतंकियों का मकसद
उन्होंने कहा, इन आतंकवादी हमलों के पीछे मकसद सिर्फ जान-माल की क्षति पहुंचाना नहीं होता है बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में भय का माहौल बनाना भी होता है जहां कि ज्यादातर आबादी शांतिप्रिय है। उन्होंने बताया कि लश्कर-ए-तैयबाए जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन राज्य के लोगों को डराने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी आशंका में कुछ पाबंदियां लगाई गईं ताकि बाहर से सहायता प्राप्त आतंकवाद में लोगों की जानें नहीं जा पाएं।श् उन्होंने कहा कि 2008, 2010 और 2016 में हुई घटनाओं का इतिहास देखते हुए यह अविस्मरणीय है। आतंकवादियों ने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों को सामान्य कामकाज से रोकने के लिए कुछ लोगों की हत्या कर दी और कुछ लोग घायल हो गए।
पाबंदियों के कारण बचीं जानें
जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पाबंदियां लगाने से एक भी व्यक्ति आतंकवाद का शिकार नहीं हुआ। उन्होंने कहा पिछले दो महीनों से राज्य के लोगों में डर पैदा करने के लिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की सीमा पार की कोशिशें बढ़ गई हैं। सीमा पार से प्रयास हो रहे हैं कि कैसे जनजीवन को बाधित किया जाए।