अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब हिंसा करना नहीं: कोविंद

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि संविधान में नागरिकों को सभी जरुरी अधिकार मिले हैं जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी का मूल अधिकार भी शामिल है लेकिन इसका गलत अर्थ लगाकर नागरिकों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए तथा हिंसा से दूर रहने की जरूरत है।श्री कोविंद ने मंगलवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान अंगीकार करने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर आयोजित समारोह को संबोध दविस को संबोधित करते हुए कहा संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के साथ ही सभी नागरिकों को सार्वजनिक सुरक्षित रखने तथा हिंसा से दूर रहने के कर्तव्य की भी सीख दी गयी है। आजादी का गलत अर्थ लगाकर हिंसा तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि जो लोक हिंसा तथा अराजकपूर्ण काम करते हैं उनको रोकने की भी आवश्यकता है और ऐसा करने वाले देश के जिम्मेदार नागरिक ही हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि देश के सभी नागरिक अपने अधिकारों का पालन करने के साथ ही अपने कर्तव्यों का भी निर्वहन करें ताकि देश के सभी नागरिकों के अधिकारों का पूरी तरह से संरक्षण हो सके।राष्ट्रपति ने सांसदों को संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने और निष्ठा से अपनी शपथ के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्र तथा देश के अन्य नागरिकों की सेवा करने में तत्पर रहने का आह्वान किया और कहा कि जन सेवा का अवसर सभी को नसीब नहीं होता है इसलिए इस मौके का पूरा फायदा उठाकर अपने क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का सम्मान करेें और उनकी आकांक्षाओं पर खरा उतरें।