अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना भारतीय जनता पार्टी के नेता एल के आडवाणी ,विश्व हिंदू के पूर्व अघ्यक्ष अशोक सिंघल और रामजन्मभूमि न्याय के अध्यक्ष रामचन्द्र परमहंस दास ने देखा था ले कन अपने सपने को पूरा देखते देखने में अब दो लोग जीवित नहीं हैं ।श्री सिंघल ने इसके लिये अयोध्या में कारसेवकपुरम की स्थापना की थी जहां सालों तक मंदिर के लिये पत्थर तराशे जाते रहे । यह काम बंद नहीं हुआ और लगातार जारी रहा । कारसेवकपुरम में मंदिर का माडल भी रखा गया है ।अयोध्या में टाट में रामलला के दर्शन करने वाले लोगों के लिये भी कारसेवकपुरम आस्था और आकर्षण का केंद्र है ।रामजन्मभूमि न्यास के अघ्यक्ष रामचन्द्र परमहंस दास कई सालों तक रामजन्मभूमि का मुकदमा लड़ते रहे । उन्होंनें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में शीला पूजन भी किया । दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष की ओर से हामिद अंसारी मुकदमा लड़ रहे थे । दोनों के बीच अच्छी दोस्ती थी और अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों एक साथ रिक्शे से जाते थे ।श्री आडवाणी ने राम मंदिर के आंदोलन को धार देने के लिये 25 सितम्बर 1990 को सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा शुरू की । इस यात्रा को अपार जन समर्थन मिला लेकिन बिहार के समस्तीपुर में उन्हें 23 अक्तूबर 1990 को गिरफ्तार कर लिया गया । बिहार में उसवक्त लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे ।अब मंदिर का सपना देखने वाले में श्री आडवाणी ही जीवित हैं और उनका ये सपना पूरा होता दिख रहा है ।