योग्यता
एक कामयाब एक्टर बनने के लिए किसी विशेष स्कूली योग्यता की जरूरत नहीं होती, परंतु एक्टिंग का सही प्रशिक्षण लेना फायदेमंद रहता है। इसके लिए सरकारी संस्थानों के अलावा कई निजी संस्थानों से एक्टिंग में प्रशिक्षण लिया जा सकता है। संस्थान का चयन करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए कि वहां एक्टिंग का प्रशिक्षण देने वाले खुद एक्टिंग के बारे में कितना जानते हैं। एक्टिंग कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं पास या ग्रेजुएट होना चाहिए।
कैसे होगी एंट्री
अगर आप किसी फिल्म स्टार परिवार से नहीं आते हैं तो इसकी राह आपके लिए थोड़ी कठिन जरूर होगी, मगर नामुमकिन नहीं। इस समय मॉडलिंग और एक्टिंग एक-दूसरे के काफी नजदीक हैं। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर एक्टर मॉडल हैं या रह चुके हैं। एक्टिंग के बड़े मौकों की तलाश के बीच आप एंकरिंग, टीवी विज्ञापन, शो होस्टिंग, टीवी सीरियल में काम कर सकते हैं।
सकारात्मक पक्ष
बढ़ रहे डेली सोप एवं फिल्म निर्माण से एक्टिंग में भविष्य सुनहरा है। खासकर कारपोरेट जगत के इस क्षेत्र में आने से गॉड फादर का तिलिस्म भी टूटा है। नए चेहरों को अभिनय क्षमता की बदौलत बेहतर काम मिल रहा है। एक अच्छी फिल्म और एक अच्छा निभाया हुआ किरदार रातोंरात सेलिब्रिटी बना देता है, जिसका ताजा उदाहरण सोनाक्षी सिन्हा, रणबीर सिंह के रूप में लिया जा सकता है।
चुनौतियां भी कम नहीं
शूटिंग का टाइम शेड्यूल काफी थकाऊ और कष्टप्रद होता है। कलाकार को जोखिम भरे स्टंट, कष्टप्रद सीन्स और अनचाहे सीन्स के लिए भी खुद को तैयार करना होता है। फिल्म अथवा डेली सोप की सफलता व असफलता दर्शकों की पसंद पर निर्भर करती है, इसलिए इस क्षेत्र में करियर अनिश्चितताओं से भी भरा होता है।
कोर्सेज
इस क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा इन एक्टिंग का दो वर्षीय कोर्स, डिप्लोमा इन एक्टिंग तीन साल का कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमा का तीन वर्षीय कोर्स और एक्टिंग फास्ट ट्रैक का छह महीने का कोर्स शामिल है। इन कोर्सेज के अलावा समय-समय पर कई वर्कशॉप भी आयोजित कराए जाते हैं।