ऑनलाइन होगा प्रवासियों का रिकार्ड

शिमला –प्रदेश में बढ़ रहे आपराधिक मामलों को देखते हुए प्रवासी मजदूरों का रिकार्ड अब ऑनलाइन होगा। हालांकि प्रदेश पुलिस के पास प्रदेश में कितने प्रवासी मजदूर हैं, इसका ब्यौरा नहीं है। इसे देखते हुए अब हर जिला पुलिस मुख्यालयों पर प्रवासियों का रिकार्ड ऑनलाइन तैयार होगा। पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही प्रवासी मजदूरों के रिकार्ड को वेबसाइट पर दर्शाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों के एसपी से ब्यौरा भी मांगा है। सभी जिलों के संबंधित थानों से प्रवासियों का लेखा-जोखा जल्द क्राइम ब्रांच पुलिस मुख्यालय में सौंपने को कहा गया है। देवभूमि में हर साल मर्डर, रेप और अन्य आपराधिक मामलों में प्रवासियों की भी संलिप्तता पाई जा रही है। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश में आपराधिक मामले उन क्षेत्रों में अधिक आ रहे हैं, जहां प्रवासी मजदूर रहते हैं। हैरानी की बात है कि हिमाचल पुलिस के पास इन प्रवासी मजदूरों का कोई डाटा नहीं है। हालांकि पुलिस की जिम्मेदारी है कि प्रवासी मजदूरों का पूरा ब्यौरा पुलिस की वेबसाइट पर जारी करे, लेकिन हिमाचल पुलिस के पास इनका रिकार्ड नहीं है। बताया गया कि प्रदेश के सभी थानों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों का लेखा-जोखा तैयार किया जाता है, मगर पूरा आंकड़ा पुलिस मुख्यालय के पास नहीं है। दूसरी ओर रेप केस पर भी गौर करें, तो छह महीने में प्रदेश को कई बार शर्मसार होना पड़ा। अब तक यानी पहली जनवरी से लेकर 31 अक्तूबर तक सौ से अधिक बलात्कार के केस दर्ज हुए हैं। रेप और मर्डर केस में संलिप्त आरोपी अधिकांश पुलिस रिमांड और न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।  वहीं पिछले दस महीने में 55 लोगों ने अपनी जान किसी न किसी कारण दे दी।  इसके अलावा नशे का करोबार करने से संबंधित नौ सौ से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

अपराध घटाने को एकजुट

प्रदेश में बढ़ रहे क्राइम को कम करने सहित नशे के खिलाफ  जंग लड़ने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष हमेशा से ही एकजुट है। विधानसभा के सभी सत्रों के दौरान क्राइम और ड्रग के खिलाफ ठोस कानून बनाने के लिए विपक्ष सरकार का साथ देता रहा। वर्तमान की जयराम सरकार के कार्यकाल में विधानसभा सदन में दोनों दल एकजुट दिखे।