कोहली भी टेंशन में थे, मैक्सवेल को बताया सही

इंदौर – भारतीय कप्तान विराट कोहली का मानना है कि आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे को उठाकर बहुत अच्छा काम किया। मैक्सवेल की तारीफ करते हुए विराट ने अपने करियर के उस दौर को भी याद किया जब उन्हें इस तरह की चीजों का सामना करना पड़ा था। तब उन्हें लग रहा था कि अब कुछ नहीं बचा, यहां तक कि उन्हें ये भी नहीं पता था कि इन बातों को वे किसी के साथ कैसे शेयर करें। विराट के मुताबिक, ऐसी चीजें किसी भी व्यक्ति के साथ कभी भी हो सकती हैं। इसलिए इसे बेहद सकारात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए। 2014 के इंग्लैंड दौरे पर मिली असफलता को याद करते हुए कहा भारतीय कप्तान ने कहा कि मैं भी अपने करियर में एक ऐसे ही दौर से गुजर चुका हूं, जहां मुझे लगने लगा था कि ये दुनिया का अंत है। मुझे बिलकुल नहीं पता था कि क्या करूं और किसी से क्या कहूं। कैसे बोलना है, कैसे बात करना है। उस वक्त मैं ये नहीं कह सकता था कि मानसिक रूप से बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं और मुझे खेल से दूर होने की जरूरत है। आप नहीं जानते कि इस बात को किस तरह लिया जाएगा। तब दौरे पर विराट पांच टेस्ट में 13.50 की औसत से कुल 134 रन ही बना सके थे। विराट ने कहा कि मैक्सवेल ने दुनियाभर के क्रिकेटरों के सामने सही उदाहरण प्रस्तुत किया है। अगर आप बिलकुल सही मानसिक स्थिति में नहीं हैं, तो आप कोशिश करते हैं, कोशिश और बस कोशिश करते हैं। इनसान होने के नाते किसी न किसी स्तर पर आप ऐसे प्वाइंट पर पहुंच जाते हैं, जहां या तो आपका व्यवहार बदलने लगता है या आपको समय की आवश्यकता होती है। मैं ये नहीं कहना चाहता कि आपको हार मान लेना चाहिए, अधिक स्पष्टता हासिल करने के लिए आपको और वक्त लेना चाहिए।