कौन चैक करेगा 5वीं-8वीं के पेपर

निजी स्कूलों की परीक्षाओं को लेकर नहीं सुलझा मामला, दिसंबर में होने हैं एग्जाम कई संस्थानों ने खुद छपवा लिए प्रश्नपत्र

शिमला – प्रदेश में स्कूल शिक्षा बोर्ड से एफिलिएटेड निजी स्कूल पांचवीं और आठवीं के पेपर कहां चैक करवाएंगे, वहीं किन नियमों के आधार पर ये परीक्षाएं आयोजित होंगी, इस बारे में कुछ भी तय नहीं हो पा रहा है। अभी भी यह मामला शिक्षा विभाग सुलझा नहीं पा रहा है। हैरानी है कि अधिकतर निजी स्कूलों ने तो पांचवीं-आठवीं के प्रश्न पत्र भी खुद ही छपवा लिए हैं। यानी बोर्ड से प्रश्नपत्र नहीं बनवाएं हैं। उधर, राज्य के  20 प्रतिशत निजी स्कूल ही ऐसे हैं, जिन्होंने बोर्ड से प्रश्न पत्रों की मांग की है। सवाल यह है कि निजी व सरकारी स्कूलों के लिए हिमाचल में अलग-अलग नियम आखिर क्यों बनाएं जा रहे हैं। बता दें कि सरकार ने जब डिटेंशन पॉलिसी प्रदेश में लागू की थी, तो पांचवीं-आठवीं की शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए एक जैसे नियम लागू किए गए थे, लेकिन ये नियम घोषणा के बाद सरकारी स्कूलों पर ही लागू हुए, निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग ने परीक्षाओं के लिए छूट दे दी। इस वजह से अब निजी स्कूल दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं भी अपने ही स्कूल में लेंगे, वहीं पेपर चैक भी स्कूल के शिक्षक ही करेंगे। शिक्षा विभाग व सरकार की यह दोहरी शिक्षा प्रणाली कई सवाल खड़े कर रही है। वहीं, कई शिक्षकोंं ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। हैरानी है कि निजी स्कूल पेपर कहां चैक करेंगे, इसको लेकर बोर्ड व विभाग की ओर से उन्हें कोई आदेश भी जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में यह साफ है कि प्रदेश में पांचवीं व आठवीं की परीक्षा को बोर्ड की तरह तो बना दिया, लेकिन स्कूल शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग इस बीच निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को ही भूल गया। बता दें कि जहां शिक्षा विभाग ने यह आदेश दिए हैं कि सरकारी स्कूल के शिक्षक अपने स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाएं चैक नहीं कर पाएंगे। वहीं, दूसरी ओर निजी स्कूलों के लिए इस तरह का कोई भी नियम नहीं हैं। निजी स्कूलों को अभी तक यह नहीं बताया गया है कि पांचवीं और आठवीं के पेपर चैक कौन करेगा। फिलहाल एचपी बोर्ड से एफिलिएटेड निजी स्कूल अभी तक खुद ही छात्रों की परीक्षाएं चैक करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में पहली बार सरकार के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग सरकारी व बोर्ड से एफिलिएटेड स्कूलों में बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं आयोजित कर रहा है, लेकिन इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा चैक करने से बोर्ड की ओर से इनकार किया  गया है।

बोर्ड एक, तो नियम क्यों अलग

प्रदेश में जब स्कूल शिक्षा बोर्ड एक है, तो आखिर इस बार नियम अलग क्यों बनाए गए हैं। दसवीं और जमा दो की बोर्ड परीक्षाओं में भी निजी स्कूल अपने छात्रों के पेपर खुद चैक नहीं करते है। ऐसे में पांचवीं-आठवीं को बोर्ड की तरह बनाने के बाद भी निजी स्कूल क्यों खुद पेपर चैक करेंगे, यह बड़ा सवाल है।