जयराम सरकार को स्टेट ऑफ दि स्टेट्स अवार्ड

नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से पुरस्कार ग्रहण करते प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

शिमला – हिमाचल की जयराम सरकार को स्वास्थ्य एवं शिक्षा में बेहतरीन सेवाओं के लिए स्टेट ऑफ दि स्टेट्स अवार्ड दिया गया है। अहम है कि हिमाचल प्रदेश को देश के बड़े राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। दिल्ली में आयोजित कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह अवार्ड हासिल किया। मुख्यमंत्री ने यह अवार्ड प्राप्त करने के बाद इसे प्रदेश का गौरव बताया है। जयराम सरकार को मिले इस अवार्ड के लिए प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को बधाई दी है। यह पुरस्कार केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में इंडिया टुडे स्टेट ऑफ दि स्टेट्स सम्मेलन-2019 के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रदान किए। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में जयराम ठाकुर ने बेहतर प्रदर्शन के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने और इनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप की सराहना की। स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 83 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ प्रदेश केरल के बाद दूसरे स्थान पर है। राज्य में 15556 सरकारी व 3252 निजी स्कूल हैं। इसके अतिरिक्त 139 डिग्री कालेज, पांच विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय छह मेडिकल कालेज और आईआईटी कार्य कर रहे हैं, जबकि शीघ्र ही एम्स भी खुलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को उनके घरों के समीप गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पंजीकृत अस्पतालों में लाभार्थियों को निःशुल्क उपचार सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हिमकेयर योजना आरंभ की है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 43 हजार लोगों उपचार सुविधा प्रदान करने पर 42 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना कारगर तरीके से कार्यान्वित की जा रही है और 35 हजार से अधिक लोगों को इसके अन्तर्गत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और गम्भीर बीमारी से ग्रस्त लोगों की देखभाल के लिए राज्य ने सहारा योजना भी आरंभ की है। योजना के अंतर्गत कैंसर, पक्षाघात, मांसपेशी से संबंधित रोग, थैलेसीमिया और पार्किन्संस जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष भी स्थापित किया गया है, जिसके अंतर्गत 192 पात्र लोगों को चार करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।