जल्द बनेगा कांगड़ी-हिंदी साफ्टवेयर

भाषा संस्कृति अकादमी की तैयारी, हमीरपुर में होगी कार्यशाला

शिमला  – हिमाचल में जल्द ही कांगड़ी-हिंदी सॉफ्टवेयर तैयार किया जाने वाला है। जिसके लिए आगामी कार्यशाला हमीरपुर में होगी। भाषा संस्कृति अकादमी के मुताबिक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर द्वारा कांगड़ी-हिंदी सॉफ्टवेयर तैयार किए जाने के लिए हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला द्वारा कांगड़ी-हिंदी-कांगड़ी अनुवाद कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन 22 नवंबर को दोपहर बाद एक बजे एनआईटी हमीरपुर में किया जा रहा है। एनआईटी हमीरपुर में इस विषय पर अनुसंधान कर रही श्वेता चौहान ने बताया कि कांगड़ी-हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने हेतु लगभग एक लाख वाक्यों का डाटा तैयार किया जा रहा है। अकादमी सचिव डा. कर्म सिंह ने बताया कि हिमाचल अकादमी की ओर से कांगड़ी से संबंधित साहित्य तथा अनुवाद करवाकर डाटा उपलब्ध करवाने में सहयोग किया जा रहा है। कांगड़ी का प्रयोग सफल रहने के बाद मंडयाली, महासुई, कुल्लूवी, सिरमौरी, बघाटी, चंबयाली आदि बोलियों का डाटा तैयार करके उनका भी अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। सचिव अकादमी डा. कर्म सिंह ने बताया कि इस समय कांगड़ी बोली के लेखक  विनोद भावुक, रेखा डढवाल, डा. विजय पुरी, वीरेंद्र शर्मा, शैली किरण, शक्ति चंद राणा, राजीव त्रिगर्ती व सोनिया आदि कांगड़ी-हिंदी अनुवाद करके एनआईटी को डाटा उपलब्ध करवा रहे हैं। अकादमी सचिव ने यह भी बताया कि कांगड़ी-हिंदी अनुवाद की पर्याप्त सामग्री एकत्रित होने तथा कप्यूटराइज्ड किए जाने के बाद एक विशेषज्ञ समिति द्वारा भाषा, व्याकरण तथा वाक्य संचालन विषयों का विश्लेषण किया जाएगा, जिसमें भाषाविद् डा. एसआर शर्मा, डा. गौतम शर्मा व्यथित, डा. प्रत्यूष गुलेरी, डा. एसआर चौहान, डा. दयानंद शर्मा, डा. जगतपाल शर्मा, जगदीश शर्मा, डा. कुमार सिंह सिसोदिया आदि शामिल होंगे।