टीचर पढ़ाना छोड़ राजनीति में मग्न

एचजीटीयू के दो गुटों ने  मचाया घमासान, संगठनों के नेताओं ने एक-दूसरे की प्राथमिक सदस्यता की खारिज

शिमला –सरकारी स्कूलों के शिक्षक इन दिनोें छात्रों की पढ़ाई को छोड़ राजनीति पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के दो गुट बनने के बाद शिक्षकों की राजनीति में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। हैरानी है कि 1957 में गठित हुए राजकीय अध्यापक संघ के दो संगठन बन गए हैं। इन दोनों संगठनों के चुनाव शनिवार को आयोजित किए गए। अहम यह है कि दोनों संगठनों के नेताओं ने एक-दूसरे के संगठन से जुड़े कई सदस्यों को निष्कासित कर दिया है। बता दें कि जहां शिमला में एचजीटीयू के चुनाव में प्रदेशाध्यक्ष बने वीरेंद्र चौहान ने एचजीटीयू के दूसरे गुट के नरेश महाजन, कांगड़ा के पूर्व अध्यक्ष नरेश धीमान, व अन्य शिक्षक नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया था। वहीं दूसरी ओर शनिवार को हमीरपुर में दूसरे गुट के हुए चुनाव के बाद प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त हुए नरेश महाजन ने प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का ऐलान किया। फिलहाल शिक्षक नेताओं के दो गुटों की यह लड़ाई बड़ी पेचीदा बनती जा रही है। शिक्षक नेताओं के गुटों में चले इस विवाद से लगता है कि शिक्षकों को पढ़ाई से ज्यादा अपनी राजनीतिक पैठ मजबूत करने में ज्यादा रुचि है। बता दें कि सरकारी स्कूलों अन्य कक्षाओं की परीक्षाओं के साथ-साथ प्री बोर्ड की परीक्षाएं दिसंबर में होनी हैं। इस तरह से साफ है कि जिस वक्त शिक्षकों को छात्रों की पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए था, उस वक्त वह आपसी राजनीति में समय बर्बाद कर रहे हैं। हैरत इस बात की है कि शिक्षक नेताओं की आपस में चली इस गुटबाजी में सरकार व शिक्षा विभाग भी मौन है। वहीं वीरेंद्र चौहान ने हमीरपुर में हुए चुनावों को असंवैधानिक करार दिया है। उनका कहना है शिक्षकों को धमकाया गया था कि यदि चौहान का वोट दिया, तो स्टेशन भी दूर के मिलेंगे। चौहान ने कहा है कि समय आने पर वह इसके साक्ष्य भी सार्वजनिक करेंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार की गोद में बैठे कुछेक लोगों पर संघ को तोड़ने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वह इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे।

छह शिक्षकों पर लगाया गबन का आरोप

फिलहाल हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने हाल ही में जिला के छह निष्कासित अध्यक्षों पर 16,83,920 रुपए के  गबन का आरोप लगाया है। चौहान ने कहा है कि इस पर जल्द ही संघ की ओर से एफआईआर करवाई जाएगी। वीरेंद्र चौहान ने बताया कि बीते रविवार को हुई आम सभा में पूर्व महासचिव नरेश महाजन, जिला बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर, चंबा, मंडी और सोलन के पूर्व जिला अध्यक्षों पर उक्त कार्रवाई को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था, जिसे सभी सदस्यों द्वारा अनुमति दी गई है। ऐसे में इन पर यह कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इस दौरान चौहान ने बीते रविवार को हमीरपुर में करवाए गए चुनाव को असंवैधानिक करार दिया है।