शिमला – सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के खिलाफ वायरल हुआ पत्र बम अब दिल्ली में विस्फोट करेगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक यह मामला अब पार्टी हाइकमासन तक पहुंच गया है। जिस पर जल्द ही निर्णय हो सकता है। ऐसे में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि और पत्र वायरल करने वाले के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में तीन माह पहले सोशल मीडिया पर पत्र वायरल हुआ था। फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर ही मनोज मसंद ने इसे वायरल किया था। मामले में रविंद्र रवि को सफाई देनी पड़ी थी। पत्र रविंद्र रवि और मनोज मसंद के मोबाइल फोन की जांच से खुलासा हुआ है कि मनोज ने वायरल करने से पहले रवि से बातचीत की थी और उन्होंने इस संबंध में सहमति जताई थी। ऐसे में अब रविंद्र रवि की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। मामला पार्टी हाइकमान तक पहुंचने का मतलब है कि आने वाले दिनों में संगठनात्मक कार्रवाई तय है। प्रदेश में सत्तासीन पार्टी के नेता द्वारा सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया में ऐसे पत्र वायरल होने से साफ जाहिर है कि पार्टी में गुटबाजी शुरू हो चुकी है।
फोरेंसिक रिपोर्ट से साजिशकर्ताओं के चेहरे बेनकाब
पत्र बम प्रकरण में सख्त कार्रवाई करेगी भाजपा
आखिर ऐसी नौबत क्यों आ गई…
जनता में चर्चा, पत्र जारी करवाने की जरूरत क्या थी
पालमपुर – पालमपुर की राजनीति में वायरल पत्र बम पर आई फोरेंसिक रिपोर्ट ने गर्मी भर दी है। पालमपुर की जनता की बरसों पुरानी नगर निगम की आस पूरा होने की संभावना अभी बनी ही थी कि पत्र बम मामले में बड़ा खुलासा हो गया। बता दें कि दो-तीन महीने पहले पालमपुर में एक वायरल पत्र ने हंगामा बरपा दिया था। प्रदेश सरकार के दिग्गज कैबिनेट मंत्री पर अनेक तरह के आरोप लगाते हुए इस पत्र को भाजपा के दिग्गज नेता शांता कुमार को संबोधित किया गया था। जिस व्यक्ति की साइट पर यह पत्र जारी किया गया था, उसके खिलाफ भवारना थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई गई। मामला मौजूदा सरकार के मंत्रियों पर आरोपों का था, तो चर्चाएं भी गर्म थीं, ऐसे में पूर्व मंत्री के फोन को पुलिस ने कब्जे में लेकर फोरेंसिंक जांच शुरू कर दी। अब जांच रिपोर्ट आने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसर गया है, वहीं आम जनता में सुगबुगाहट है कि आखिरकार एक पूर्व मंत्री को अपनी ही सरकार के मौजूदा मंत्री के खिलाफ इस तरह पत्र जारी करवाने की क्या जरूरत पड़ गई। हालांकि पूर्व मंत्री इस सारे मामले को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं।
भाजपा में अब सियासी तकरार पकड़ेगी रफ्तार
धर्मशाला – पत्र बम से आई गरमाहट की सियासी हवा से अब दिल्ली तक मार होगी। जयराम खेमा रविंद्र रवि के खिलाफ आए पुलिस के पत्र को सरकारी दस्तावजे बनाकर हाइकमान के पास सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचने का सबूत बनाकर पेश कर सकती है, ताकि हिमाचल में केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की बढ़ती धमक को रोका जा सके। इस सारे मामले से भाजपा में सियासी तकरार बढ़ने वाली है। भले ही जयराम खेमा इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा हो, लेकिन रविंद्र रवि भी पूरी तैयारी के साथ सरकार व पुलिस पर सवाल उठाते हुए जांच को तथ्य से परे बता रहे हैं। ऐसे में अब मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। फोरेंसिक जांच के बाद पुलिस का पत्र सामने आने के बाद रविंद्र रवि पर सारा दोष दिख रहा है, जिसे आधार बनाकर अब प्रदेश सरकार अपने विरोधी खेमे को घेरने में जुट गई है। पिछले कुछ महीनों से केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की हिमाचल में धमक बढ़ने से जयराम खेमा भी इसका तोड़ ढूंढ रहा था, लेकिन जांच रिपोर्ट के बाद अब सरकार को धूमल कैंप को घेरने का सीधा अवसर मिल गया है। पत्र बम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर पर कथित आरोप लगाए गए थे। बहरहाल, अब स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के अगले रुख पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
सरकार के दबाव में पुलिस