नदियों के किनारे सात जगह सफाई के आदेश

पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए मुख्य सचिव की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बैठक

शिमला  – प्रदेश की नदियों के किनारे सात स्थानों पर सफाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहरों की वायु गुणवत्ता मापदंडों के आधार पर लागू की जा रही कार्ययोजना के संदर्भ में एक समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में विभिन्न नदियों के किनारे चिन्हित सात स्थलों पर सफाई अभियान जल्द आरंभ किया जाए। डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्धक वातावरण के लिए जाना जाता है, इसलिए यह आवश्यक है कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों खासकर पानी और वायु को सभी प्रकार के प्रदूषणों से मुक्त रखा जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सुखना-मारकंडा, सिरसा, अश्वनी, ब्यास, गिरि और पब्बर नदियों के सात स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर साफ किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार की गई कार्य योजना पर तुरंत प्रभाव से कार्य आरंभ किया जाए और इसमें किसी भी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नदियों के पानी की निरंतर गुणवत्ता जॉंचने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण विभाग को कालाअंब में तय समयसीमा के भीतर ठोस कचरा प्रबंधन सुविधा स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को मल निकासी परियोजना को पाइप लाइन बिछाकर पूरा करने और सोलन जिला के नालागढ़ में मल उपचार संयंत्र शीघ्र शुरू करने के लिए भी कहा। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निदेशक आदित्य नेगी ने बैठक की कार्यवाई का संचालन किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव, पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी आरडी धीमान और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।

पंथाघाटी में जल्द स्थापित किया जाए एसटीपी

बैठक में श्रीकांत बाल्दी ने पंथाघाटी क्षेत्र में 2.0 एमएलडी क्षमता के नए मल उपचार संयंत्र (एसटीपी) स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि शिमला के अश्वनी खड्ड में अम्रुत अभियान के अंतर्गत मल अपशिष्ट प्रबंधन किया जाए। उन्होंने मौजूदा मल उपचार संयंत्र का समयबद्ध तरीके से विस्तार और मंडी जिला में नए मल उपचार संयंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा नादौन में मल निकासी लाइनों को स्तरोन्यन करने के लिए कहा। उन्होंने शिमला जिला के कोटखाई में दो और ठियोग में एक मल उपचार संयंत्र स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।