पिंक बॉल से खेलना आसान नहीं

भारत ने इंदौर में पहला टेस्ट मैच पारी और 130 रनों से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है और सबकी नजरें दूसरे टेस्ट मैच पर लगी हुई है जिसमें भारत पहली बार दिन-रात टेस्ट मैच खेलने जा रहा है. भारत ने भी अब तक डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है. यह भारत का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच होगा. साथ ही यह भारत में खेला जाने वाला पहला डे-नाइट टेस्ट होगा.

भारतीय टीम जमकर गुलाबी गेंद से प्रैक्टिस कर रही है. गुलाबी गेंद से खेलने वाले बल्लेबाजों के मुताबिक शाम के समय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण होती है. चेतेश्वर पुजारा सहित दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेलने वाले कई खिलाड़ियों ने कहा है कि शाम के समय गुलाबी गेंद को देखना मुश्किल होता है, क्योंकि आकाश के लाल रंग के कारण गेंद नारंगी रंग की तरह दिखने लगती है.

इन खिलाड़ियों को गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव

टीम इंडिया के अधिकतर क्रिकेटर अपने करियर में पहली बार गुलाबी गेंद से खेलेंगे, हालांकि चेतेश्वर पुजारा, ऋद्धिमान साहा, मोहम्मद शमी, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है. गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर पुजारा ने कहा था कि दिन के समय रोशनी की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सूर्यास्त के समय और दूधिया रोशनी में यह मसला हो सकता है. सूर्यास्त के समय का सत्र बेहद अहम होगा.